दमिश्क,21 मार्च 2025। जर्मनी ने 13 साल बाद दमिश्क में अपना दूतावास दोबारा खोल दिया है। सीरियाई मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक की यात्रा के दौरान दूतावास खोला गया। दिसंबर 2024 में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद से सीरिया की उनकी दूसरी यात्रा में राजनयिक मिशन को फिर से खोला गया।
जर्मन मीडिया ने बेयरबॉक का हवाला देते हुए बताया कि फिर से खोले गए दूतावास में 10 से भी कम राजनयिकों को तैनात किया जाएगा। अपनी यात्रा के दौरान, बेयरबॉक ने सीरियाई नेता अहमद अल-शरा, विदेश मामलों के प्रमुख असद अल-शैबानी और सीरियाई नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
बेयरबॉक ने दमिश्क में भारी क्षतिग्रस्त जोबार इलाके का भी दौरा किया, जो एक ऐसा जिला है जिसने देश के गृह युद्ध का खामियाजा भुगता है। जर्मनी ने 2012 में दमिश्क में अपना दूतावास बंद कर दिया था जब देश में भयंकर गृहयुद्ध शुरू हुआ था। इटली और स्पेन जैसे कई अन्य यूरोपीय देशों ने पहले ही सीरिया की राजधानी में अपने दूतावास फिर से खोल दिए हैं।
राष्ट्रपति अल-असद को उनके नए नियुक्त उत्तराधिकारी अहमद अल-शरा के नेतृत्व में विद्रोही बलों के गठबंधन द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद सीरिया में जर्मनी के राजनयिक मिशन को फिर से खोलना एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
ये भी पढ़ें : कोरबा समेत 6 जिलों के सक्षम महिला स्व सहायता समूहों को रेडी टू ईट फूड निर्माण के लिए करना होगा इंतजार, मंत्री की घोषणा
विद्रोहियों के इस तेज हमले के कारण असद परिवार के पांच दशक से अधिक के शासन का अंत हुआ। वहीं, तीन महीने बाद इस राजनयिक कदम के लिए मंच तैयार किया गया।
हालांकि दूतावास का खुलना ऐसे समय पर हुआ, जब हिंसा बहुत ज्यादा है, खासतौर पर सीरियाई तट पर। यह अलावी अल्पसंख्यकों का गढ़ है, जिससे असद ताल्लुक रखते हैं। नई सरकार के प्रति वफादार सुरक्षाबलों और पुरानी सरकार का समर्थन करने वालों के बीच झड़पों में काफी लोग हताहत हुए हैं। सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स जैसे निगरानी समूहों के अनुसार, सैकड़ों नागरिक, मुख्य रूप से अलावी, चल रहे संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं।