भिलाई ,01 मई 2025(वेदांत समाचार)। भिलाई इस्पात संयंत्र एससी एसटी इम्प एसोसिएशन भिलाई द्वारा डॉ
बाबा साहेब अम्बेडकर भवन सेक्टर 06 स्थित डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर की 134वी जयंती समारोह के पावन पर्व पर अनुसुचित जाति/ अनुसुचित जन जाति/ओबीसी अल्पसंख्यक वर्गों का सामाजिक कन्वेंशन के माध्यम से डॉ बाबा साहेब
अम्बेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि एम के. अभिमन्यु अध्यक्षसेल एससी एसटी इम्प
फैडरेशन बोकारो युनिट, सेल फैडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष बाबा मून
चन्दपुर,जय प्रकाश राची महासचिव सेल एससी एसटी इम्प फैडरेशन नई दिल्ली,आल
इडियां एससी एसटी इम्पा एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनिल रामटेके, रजित प्रसाद,
सहायक महासचिव एससी एसटी इम्पा फैडरेशन दुर्गापुर युनिट, सहित भिलाई
दुर्ग के सामाजिक संस्था प्रमुख रूप से चन्द्रीका रावटे भिलाई
महिला प्रभाग भिलाई आदीवासी समाज, गोदावरी व्यास सतनामी समाज,
सुनिता रात्रे, सज्जाद हुसैन मुस्लिम समाज भिलाई, एस एस गिल सिक्ख समाज,
बेनिराम रावटे मेहर समाज, श्याम लाल साहु ओबीसी समाज, एवं राजेन्द्र
परगनीया सहित इस सोशल कन्वेंशन में उपस्थित होकर डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर
की 134 वी जयंती समारोह पर अपने विचार रखें।
कार्यक्रम का प्रारंभ भवन स्थित बहुजन नायकों को याद कर नमन करते हुए
प्रारंभ किया गया। सर्व प्रथम अकिता भू आर्य के भाषण से प्रारंभ
किया गया, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेल एससी एसटी इम्प फैडरेशन व
बोकारो युनिट के अध्यक्ष एम के अभिमन्यु ने कहा कि देश की स्वतंत्रता
प्राप्ति से लेकर आज तक की विषमताओं को दुर करने के लिए परम श्रदेय डॉ
बाबा साहेब अम्बेडकर का योगदान देश व दुनियाँ के लिए भारतीय सविधानं व
उनके सघर्ष सरवोपरि रहा। इसी कारण दुनिया की महा शक्तिशाली डॉ बाबा साहेब
अम्बेडकर को सिम्बाल आफ नालेज की सज्ञान से नवाजा गया। आज देश में डॉ
बाबा साहेब अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात करते हुए, उनके बताये मार्ग
पर चलकर, देश में अज्ञानता, रूडीवाद आडम्बरों जैसी विषमताओं को दुर करने
के लिए अति आवश्यक है। उनके सघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके इस
सघर्ष से देश ही नहीं पुरी दुनिया उन्हें नमन कर याद करतीं हैं।
सेल एससी एसटी इम्प फैडरेशन नई दिल्ली के महासचिव जय प्रकाश ने अपने
उध्बोधन में कहा कि एससी एसटी वर्गों के विकास व उन्नति के जो भारतीय
सविधानं में मौलिक अधिकार प्राप्त है, उसे कोई छिन नहीं सकता है, वचितं
नहीं कर सकता, हमें यह अधिकार डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर के द्वारा बहुत
सघर्ष से प्राप्त हुआ है। कुछ लोग अधिकार को खत्म करने का प्रयास कर रहे
हैं, इस देश का बहुसंख्यक समाज कदापि बर्बाद नहीं करेगा। 1931-32 के
ब्रिटिश गवर्नमेंट के गोलमेज सम्मेलन का उदाहरण देते हुए कहा कि देश की
निवास रत एससी एसटी वर्गों का प्रतिनिधित्व सिर्फ डॉ अम्बेडकर ने किया,
उनके साहस का परिचय है,की जो आज एससी एसटी वर्गों में उन्नति के जो
परिणाम है कि आज हम उचाई तक पहुँच पाये।
आल इडियां एससी एसटी इम्प एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनिल रामटेके कहा
कि डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर के द्वारा समता मूलक समाज की स्थापना के साथ
देश स्वतंत्रता बधुत्वता के साथ भाईचारा कैसे स्थापित हो, डॉ अम्बेडकर की
इस देश के लिए बहुत बड़ी भूमिका रही, मैं प्रथम भारतीय व अतत: भारतीय
हूँ, कहाँ।महिला प्रतिनिधि के रूप में आदिवासी का प्रतिनिधित्व करते हुए
चन्द्रीका रावटे ने जल जगल जमीन हमारे पुरखों की विरासत है, किसी
भी हालत में हमसे छिन नहीं सकते, ये हमारा मौलिक अधिकार है, कुछ ताकतें
अनुसुचित जन जाति में भ्रमित करने का प्रयास रत है, हमें इसके के जागरूक
होने की आवश्यकता है। इस सोशल कन्वेंशन कार्यक्रम में सभी आमंत्रित अतिथि
ने बारी बारी से सम्बोधित किया। तथा अतिम समापन के पूर्व एस. के. मेश्राम
भिलाई द्वारा रचित महात्मा ज्योतिबाफुले फुले पर आधारित बच्चों के द्वारा
रगं मचं कार्यक्रम की प्रसतुति दी गई।
कार्यक्रम का सचालन भिलाई इस्पात संयंत्र एससी एसटी इस्पात एसोसिएशन के
अध्यक्ष आनंद राम टेके, तथा आभार व्यक्त निशातं सुर्यवंशी ने किया।