कोरबा, 07 मई । जिले में 13 साल की बच्ची ने सुसाइड कर लिया। घर में मामूली से विवाद में 13 साल की लड़की ने फांसी लगा ली। आनंद नगर की रहने वाली प्रियांशी जायसवाल ने अपनी बड़ी बहन का कपड़ा पहन लिया था। इसी बात पर दोनों बहन में झगड़ा हुआ।मामला कुसमुंडा थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, खुदकुशी के बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी लापरवाही की। परिजन का आरोप है कि, अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को मेमो (कागजी कार्यवाही) देने में देरी की। करीब 17 घंटे तक घुमाते रहे।क्या है पूरा मामला?
प्रियांशी के पिता रमेश जायसवाल पेशे से मजदूर हैं। उन्होंने बताया कि प्रियांशी आठवीं कक्षा की छात्रा थी। पढ़ाई में होशियार थी, लेकिन गुस्सा भी जल्दी आ जाता था। घटना के समय प्रियांशी की मां और बहनें घर पर मौजूद थीं।
दोनों बहनों में विवाद के बाद मां ने दोनों को समझाया और डांटा भी था। इसके बाद प्रियांशी गुस्से में अपने कमरे में चली गई। काफी देर तक बाहर नहीं आने पर जब देखा गया तो वह कमरे में दुपट्टे के फंदे पर लटकी मिली।मेमो मिलने के बाद की गई कार्रवाई । रमेश जायसवाल ने ये भी बताया कि बेटी को अस्पताल भी ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें खूब घुमाया। शिफ्ट खत्म होने की बात कहकर पहली शिफ्ट के स्टाफ ने कागजी कार्यवाही नहीं की।
इसके बाद दूसरी शिफ्ट के स्टाफ ने भी कहा कि, ये काम पहली शिफ्ट वालों का है। इसी तरह सोमवार शाम 4:50 बजे हुई मौत का मेमो पुलिस को 17 घंटे बाद मिला।
अस्पताल की लापरवाही पर चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर ने बताया कि मेमो मिलने के बाद ही पंचनामा की कार्रवाई की गई। मेमो देर से मिलने जैसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।
नर्स और डॉक्टर को नोटिस
जिला मेडिकल कॉलेज कोरबा के डीन के.के. सहारे ने इस पर बताया कि, AMS की ओर से जानकारी दी गई। इसके बाद तत्काल जवाबदेह को फटकार लगाई है। साथ ही इस लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार नर्स और डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है। ये मानवता का हनन है इस तरह की लापरवाही का स्पष्टीकरण मांगा गया है