मैं साल हूं…जंगलों में खड़ा बेमिसाल हूं….वनवासियों के जीवन में खुशहाली का प्रतीक है हमारा राजकीय वृक्ष साल

लेख-कमल ज्योति मैं साल हूँ…साल दर साल…जंगलों में खड़ा बेमिसाल हूँ… मैंने देखा है वक़्त के साथ बहुत कुछ बदला। मैंने भी अपनी शाखाएँ बदली, पत्ते बदले, लेकिन टिका रहा…