न्याय का पंछी भौगोलिक सरहदों को पार कर पहुंचा सिंगापुर, रायपुर जिले ने प्रदेश के इतिहास में देश की सरहदों को पार कर सिंगापुर में बैठे पक्षकार को किया न्याय प्रदान

रायपुर 11 दिसम्बर (वेदांत समाचार) रायपुर जिले ने प्रदेश के इतिहास में देश की सरहदों को पार कर सिंगापुर में बैठे पक्षकार को न्याय प्रदान किया। खबर लिखे जाने तक लगभग पचास हजार प्रकरणों का हुआ निराकरण किया गया।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार 11 दिसम्बर 2021 को जिला रायपुर तथा जिला गरियाबंद एवं तालुका तिल्दा, देवभोग, राजिम में एक साथ किया गया। रायपुर जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत में पहली बार माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायमूर्ति एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी, और उनके साथ सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल, भी उपस्थित रहे। उनके द्वारा समस्त खण्डपीठों का निरीक्षण किया गया। माननीय न्यायमूर्ति गोैतम भादुड़ी द्वारा कुंटुब न्यायालय बृजेन्द्र कुमार शास्त्री तथा न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी पवन कुमार अग्रवाल की खण्डपीठ में पक्षकारों के मध्य राजीनामा करवाया। उनके समझाने पर वहां उपस्थित पक्षकारों द्वारा राजीखुशी राजीनामा किया गया।
कार्यपालक अध्यक्ष एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा नेशनल लोक अदालत के उपलक्ष्य में कहा गया कि, लोक अदालत का आयोजन न्याय व्यवस्था की सबसे सुदृढ़ परिकल्पना है जो हर वर्ग के लिए न्याय एक मंच से उपलब्ध कराती है और हर प्रकार के मन मुटाव को समाप्त कर देती है। माननीय न्यायमूर्ति की उपस्थिति में आज नेशनल लोक अदालत में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित राठौर की खण्डपीठ में एक अनोखा प्रकरण निराकृत हुआ। प्रकरण लगभग 12 वर्ष से न्यायालय में लंबित था उक्त प्रकरण में वादी द्वारा प्रतिवादी को लगभग एक करोड़ का एम.टी.सोया डी.ओ.सी.माल सप्लाई किया गया था, परंतु प्रतिवादी द्वारा कुछ पैसा देकर शेष पैसा नहीं दिया गया। जिस पर शेष पैसा वसूली हेतु वादी द्वारा न्यायालय में दावा प्रस्तुत किया गया था । लेकिन प्रकरण में वादी सिंगापुर में था। न्यायालय द्वारा वर्चुअल माध्यम से प्रयास कर मामले का निराकरण किया और बीस लाख रूपये में दोनों पक्ष की सहमति के पश्चात माननीय न्यायमूर्ति की उपस्थिति के समक्ष मामला राजीनामा किया।

नेशनल लोक अदालत का शुभांरभ दिनांक 11 दिसम्बर 2021 को प्रातः 10ः30 बजे माननीय जिला न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार वर्मा, न्यायाधीशगण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, तथा सचिव व अधिवक्तागण के गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्जवलन कर सम्पन्न किया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल के न्यायालय में आपराधिक प्रकृति के सर्वाधिक प्रकरण 201 राजीनामा के माध्यम से निराकृत हुए। यह रायपुर जिले में पहली बार संभव हुआ है कि, किसी एक खण्डपीठ से इतनी भारी संख्या में आपराधिक प्रकृति के मामलों का निराकरण राजीनामा क माध्यम से हो सका हेै। उक्त न्यायाधीश के खण्डपीठ में ही पति पत्नी के मध्य तीन वर्ष की बच्ची के भविष्य को देखने और उसके भविष्य निर्माण में साथ-साथ रहने के वचन के साथ राजीनामा हुआ। उक्त राजीनामा के समय माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा एवं अन्य न्यायाधीशगण उपस्थित रहे।


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेन्द्र वासनीकर की खण्डपीठ में आज मोबाईल लोक अदालत के माध्यम से एक वृद्ध माता का प्रकरण निराकृत हुआ।
न्यायाधीश श्रीमती निधि शर्मा के न्यायालय में चेक बाउन्स का 13 साल पुराना प्रकरण निराकृत हुआ । प्रकरण में आरोपी द्वारा परिवादी से पैसा उधार लिया गया था। परंतु उसके द्वारा परिवादी को पैसा नहीं दिया गया। न्यायाधीश श्रीमती निधि शर्मा ने उभयपक्ष को समझाया और कहा कि, भारतीय संस्कृति में ऋण से कोई मुक्त तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि उसने अपने भार को स्वयं न चुका दिया गया हो। इतना समझाने पर आरोपी द्वारा प्रार्थी को 17050/-रूपये की राशि देकर राजीनामा किया।
कुटुंब न्यायालय बृजेन्द्र कुमार शास्त्री के यहां लंबे समय से भरण-पोषण का मामला चल रहा था। जिसे न्यायालय द्वारा समझाए जाने पर निराकरण हुआ। इसी तरह वर्ष 2021 में ही पेश तीन भरण पोषण के मामले में कुटुंब न्यायाधीश श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री के समझाने पर तीनो प्रकरण में आपसी राजीनामा कर हंसी खुशी घर गए। लगभग 15 साल के दाम्पत्य जीवन को टूटने से न्यायाधीश ने बचाया। कुटुंब न्यायालय संतोष कुमार आदित्य के यहां वर्ष 2006 में विवाह हुए दंपत्ति का विवाह-विच्छेद एवं भरण पोषण हेतु प्रकरण पेश किया गया था जिसे माननीय न्यायाधीश श्री संतोष कुमार आदित्य के द्वारा समझाईश दिए जाने पर दोनों दंपत्ति राजीनामा कर हंसी खुशी एक होकर घर गए। पर्यावरण की सुरक्षा का वचन लेकर प्रकरणों में माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की उपस्थिति में कई प्रकरणों में हुआ राजीनामा।


आज लोक अदालत में जब प्रकरणों में राजीनामा हो रहा था, तो हर राजीनामा प्रकरण में पक्षकारों को एक फलदार वृक्ष माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी की उपस्थिति में प्रदान किया गया कि जिस प्रकार बिखरते हुए परिवारों को लोक अदालत जोड़ने का काम कर रही है, उसी प्रकार फलदार वृक्षों को लगाकर पर्यावरण के संरक्षण से भी हमको जुड़ना है।
न्यायाधीश आंकाक्षा ठाकुर के न्यायालय में वर्ष 2015 से चल रहे 35 लाख रूपये के चेक बाउन्स के मामले में दोनों पक्षों के मध्य आज न्यायाधीश ने समझाईश दिया न्यायाधीश के समझाने पर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से राजीनामा कर प्रकरण को समाप्त करा दिए।

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