येल यूनिवर्सिटी (Yale University) के इम्यूनोबायोलॉजी के प्रोफेसर अकीको इवासाकी (Akiko Iwasaki) द्वारा की गई एक स्टडी में ये पाया गया है कि इंट्रानेसल वैक्सीनेशन (Intranasal vaccination) चूहों में श्वसन वायरस के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है. ये रिसर्च ‘साइंस इम्यूनोलॉजी जर्नल’ में प्रकाशित की गई है. स्टडी के वरिष्ठ लेखक इवासाकी ने कहा कि सबसे अच्छी तरह से इम्यून डिफेंस सेल (Immune Defence Cells) के दरवाजे पर देखने को मिलता है, जहां वायरस को भीतर घुसने से रोका जाता है.
म्यूकस मेंबरेंस में अपनी खुद का इम्यून डिफेंस सिस्टम होता है, जो हवा या भोजन से पैदा होने वाले रोगजनकों का मुकाबला करता है. इन्हें जब वायरस से चुनौती मिलती है तो ये बी सेल्स को पैदा करते हैं. ये बी सेल्स लड़ने के लिए इम्युनोग्लोबिन ए (आईजीए) एंटीबॉडी का निकालने लगते हैं. वैक्सीन जहां एक सिस्टम व्यापी इम्यून रिस्पांस पैदा करती है. वहीं, आईजीए एंटीबॉडी नाक, पेट और फेफड़ों में पाए जाने वाले म्यूकोसल सतह पर काम करती है. आईजीए द्वारा पैदा सेल्स का काम आंतों के रोगजनकों का मुकाबला करना रहा है. इसने यहां अच्छी भूमिका निभाई है.https://47938bd975370662a1dd0c4fbc894534.safeframe.googlesyndication.com/safeframe/1-0-38/html/container.html
इस तरह चूहों पर किया टेस्ट
वहीं, अकीको इवासाकी की लैब ने सोचा कि आईजीए रिस्पांस को ट्रिगर करने से श्वसन वायरस के खिलाफ स्थानीय इम्यून रिस्पांस पैदा हो सकता है. न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई में आईकन स्कूल ऑफ मेडिसिन (Icahn School of Medicine) के रिसर्चर्स के साथ काम करते हुए उन्होंने एक प्रोटीन आधारित वैक्सीन का टेस्ट किया. इस वैक्सीन को आईजीए इम्यून रिस्पांस को पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया था. इसे इंजेक्शन के जरिए चूहों को लगाया गया. जैसा आमतौर पर इम्यूनाइजेशन वैक्सीनेशन के साथ किया जाता है. ऐसा आंतरिक रूप से भी किया गया.
रिसर्चर्स ने चूहों को इन्फ्लूएंजा वायरस के कई वेरिएंट से संक्रमित किया. उन्होंने पाया कि जिन चूहों को आंतरिक रूप से वैक्सीन लगाई गई थी. वे इंजेक्शन लगवाने वाले चूहों की तुलना में श्वसन इन्फ्लूएंजा से बेहतर रूप से सुरक्षित थे. नेसल वैक्सीन की वजह से जो एंटीबॉडी पैदा हुईं, उसने चूहों को एक वेरिएंट से बचाने के अलावा अलग अलग तरह के वेरिएंट्स से भी बचाया. येल टीम वर्तमान में जानवरों के मॉडल में कोविड स्ट्रेन के खिलाफ नेसल वैक्सीन का टेस्ट कर रही है.
मनुष्यों में कारगर होने पर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने की योजना
अकीको इवासाकी ने कहा कि इंजेक्शन और नेसल वैक्सीन दोनों ने चूहों के खून में एंटीबॉडी के स्तर में इजाफा किया. लेकिन केवल नेसल वैक्सीन ने फेफड़ों में आईजीए के स्राव को पहुंचाया. यहां पर श्वसन वायरस व्यक्ति को संक्रमित करता है. यदि नेसल वैक्सीन मनुष्यों में सुरक्षित और कुशल साबित होते हैं, तो इवासाकी ने उन्हें मौजूदा वैक्सीन और बूस्टर के साथ संयोजन के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनाई है.
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