नई दिल्ली । सरकार ने इस साल जनवरी-नवंबर की अवधि के दौरान ‘मूल देश’ (Country of Origin) की घोषणा के उल्लंघन के मामले में ई-कॉमर्स कंपनियों को 200 नोटिस जारी किए हैं। शुक्रवार को संसद को यह जानकारी दी गई। उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस वर्ष के दौरान राज्य सरकारों द्वारा मूल देश सहित जरूरी घोषणा संबंधित उल्लंघन मामलों के लिए लगभग 2,116 मामले दर्ज किए गए हैं।
एक जनवरी से 30 नवंबर के बीच भेजे गए 200 नोटिस
मंत्री ने कहा, ‘‘ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मूल देश की घोषणा के उल्लंघन के लिए, एक जनवरी से 30 नवंबर, 2021 की अवधि के दौरान, उपभोक्ता मामलों के विभाग के कानूनी मेट्रोलॉजी डिवीजन द्वारा 200 नोटिस जारी किए गए हैं।’’
कंपाउंडिंग फीस के रूप में करीब 38,70,000 रुपये वसूल किए गए
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों से कंपाउंडिंग फीस के रूप में करीब 38,70,000 रुपये वसूल किए गए हैं। मंत्री ने उच्च सदन को सूचित किया कि सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम 2011 में संशोधन किया है, जिसमें नियम 6(1)(एए) के अनुसार आयातित उत्पादों के मामले में पैक पर मूल या निर्माण या असेंबली वाले देश का नाम उल्लेख किया जाना चाहिए।
ऑटो-रिक्शा सेवाओं पर एक जनवरी, 2022 से 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा
इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली ऑटो-रिक्शा सेवाओं पर एक जनवरी, 2022 से 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना के माध्यम से ई-कॉमर्स मंचों के जरिए यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले ऑटो रिक्शा के लिए उपलब्ध जीएसटी (माल एवं सेवा कर) छूट को वापस ले लिया है। जहां ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा ऑफलाइन/मैनुअल तरीके से प्रदान की जाने वाली यात्री परिवहन सेवाओं पर छूट जारी रहेगी, ई-कॉमर्स मंचों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाओं के लिए एक जनवरी, 2022 से पांच प्रतिशत कर देना होगा।
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