छत्तीसगढ़ मॉडल से बदल रही गांव-किसानों की तस्वीर और तकदीर

किसान और खेती छत्तीसगढ़ की असल पूंजी हैं। इनकी बेहतरी और खुशहाली से ही राज्य को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है। इस मर्म को समझकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता की बागडोर संभालते ही किसानों के हित में क्रांतिकारी फैसले लिये। खेती-किसानी, गांव और ग्रामीणों को सहेजने का जतन किया। इसी का परिणाम है कि नया छत्तीसगढ़ मॉडल तेजी से आकार ले रहा है। जिसके चलते मुरझायी खेती लहलहा उठी है और गांव गतिमान हो गए हैं। छत्तीसगढ़ मॉडल राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब तेजी से पुष्पित और पल्लवित होकर इठलाने लगी है। गांव, ग्रामीणों और किसानों की तस्वीर और तकदीर में सुखद बदलाव दिखाई देने लगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की गांव, गरीब, किसान, व्यापार और उद्योग हितैषी नीतियों से समाज के सभी वर्गों में खुशहाली है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान और तेंदूपत्ता की देश में सबसे अधिक कीमत पर खरीदी, किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर की माफी, सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई जिंदगी मिली है। इसके चलते छत्तीसगढ़ के बाजारों में रौनक बरकरार है।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने जो नया आर्थिक मॉडल अपनाया है, उसमें ग्रामीण विकास एवं औद्योगिक विकास के माध्यम से आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर सुलभ हुए हैं। तीन सालों में धान खरीदी, लघु वनोपज संग्रहण एवं किसानों को मिले प्रोत्साहन के जरिए ग्रामीणों, किसानों एवं संग्राहकों को लगभग 80 हजार करोड रुपए से अधिक की राशि मिली है। सुराजी गांव योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी से ग्रामीण विकास की प्रक्रिया तेज हुई है।