RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को दिया शेड्यूल्‍ड बैंक का दर्जा, जानें क्‍या हैं इसके मायने

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के घरेलू पेटीएम पेमेंट बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। भारत के घरेलू पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने गुरुवार को इससे संबंधित जानकारी साझा करते हुए बताया कि इसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। अनुसूचित भुगतान बैंक होने के नाते, पेटीएम पेमेंट्स बैंक अब व्यापार के नए अवसर तलाश सकता है। बैंक सरकार और अन्य बड़े निगमों द्वारा जारी किए गए प्रस्तावों के लिए अनुरोध (आरएफपी), प्राथमिक नीलामी, निश्चित दर और परिवर्तनीय दर रेपो, रिवर्स रेपो और सीमांत स्थायी सुविधा में अपनी भागीदारी निभा सकता है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंक अब सरकार द्वारा संचालित वित्तीय समावेशन योजनाओं में भागीदारी के लिए भी पात्र होगा।

आरबीआई अधिनियम 1934 के अनुसार, आरबीआई ऐसे बैंक जो उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए सही तरीके से संचालित किए जाते हैं और किसी भी हानिकारक गतिविधि में शामिल नहीं होते हैं, उनको दूसरी अनुसूची में शामिल किया जाता है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को शामिल करने से भारत में बैंकिंग सेवा से वंचित आबादी के लिए और अधिक नवाचार करने और अधिक वित्तीय सेवाओं और उत्पादों को लाने में बैंक को मदद मिलेगी।

अब तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के तहत 33.3 करोड़ पेटीएम वॉलेट उपयोगकर्ता जुड़ चुके हैं साथ ही यह प्लेटफॉर्म 87,000 से अधिक ऑनलाइन व्यापारियों और 2.11 करोड़ इन-स्टोर व्यापारियों को भुगतान करने में सक्षम बनाता है। पेटीएम ने कहा कि 15.5 करोड़ से अधिक पेटीएम यूपीआई हैंडल बनाए गए हैं और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के साथ भुगतान करने और प्राप्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

पिछले वित्तीय वर्ष में, यह बैंक देश में फास्टटैग का सबसे बड़ा जारीकर्ता और अधिग्रहणकर्ता भी बन गया है। हाल ही में, पेटीएम पेमेंट्स बैंक एशिया पैसेफिक (APAC) रीजन में सक्रिय सबसे सफल डिजिटल बैंकों में से एक के रूप में उभरा है।

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