राजनांदगांव09 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बुधवार को सुदूर वनांचल क्षेत्र छुईखदान विकाखण्ड के ग्राम सरईपतेरा में जिलास्तरीय जनचौपाल में पहुंचकर विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की मांग और समस्याओं को विस्तार से सुना। इस दौरान पुलिस अधीक्षक डी श्रवण उनके साथ थे। कलेक्टर सिन्हा ने जनचौपाल में लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित निराकरण के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को मौके पर ही निर्देशित किया। इस दौरान भगेला गोंड़ ने अपने पिता की मृत्यु होने पर वन अधिकार पट्टा का नाम स्थानांतरण के लिए आवेदन किया। कलेक्टर ने नाम स्थानांतरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। जन चौपाल में पंचायतों में 74 लाख 88 हजार रूपए की कार्यों की स्वीकृति दी गई।
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि सुदूर वनांचल क्षेत्र में जिलास्तरीय जनचौपाल लगाने का उद्देश्य जिले के अंतिम छोर में निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजातिय के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचना है। यह प्रयास है कि शिविर के माध्यम से प्रत्येक व्यक्तियों तक योजना का लाभ पहुंचे। इन क्षेत्रों के नागरिकों की समस्याओं को सुनकर संबंधित विभागों के माध्यम से समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में विशेष कार्ययोजना बनाकर उनके जीवन स्तर को उन्नत बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप सभी किसानों का प्राथमिकता से धान खरीदना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सभी धान खरीदी केंद्रों में पूरी व्यवस्था की गई है। बारदाना का मूल्य 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए कर किया है। किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष प्रारम्भ से ही धान का उठाव किया जा रहा है। वहीं नए धान खरीदी केन्द्र भी खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। शिक्षा से ही सफल होने का रास्ता बनता है। हमें अपने बच्चों को अच्छा नागरिक बनाना है। जिससे बच्चे बड़े होकर स्वावलंबी और आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने कहा कि यहां अधिक लोग किसान है। खेती-किसानी के क्षेत्र में नया प्रयोग करना चाहिए। हमें अपने विकास के लिए स्वयं प्रयास करना होगा। शासन-प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा स्वास्थ्य और अच्छा पोषण देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। जिले में कुपोषित बच्चे और एनीमिक माताएं बड़ी चुनौती है। प्रशासन द्वारा इसे दूर करने छुईखदान में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पौष्टिक भोजन एवं सुपोषण किट का वितरण घरों में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना के नये वैरिएंट की संभावना को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 टीका के दोनो डोज लगाना अनिवार्य है। जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, वे टीका जरूर लगाएं। मास्क लगाना और समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें। उन्होंने कहा कि प्रशासन इन क्षेत्रों में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। साल्हेवारा में एमबीबीएस डॉक्टर की पदस्थापना की गई है। वहीं स्कूलों में शिक्षक की व्यवस्था कराई गई है। छुईखदान में सभी पटवारियों के पदों पर पदस्थापना कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन जनसामान्य की समस्याओं को सुनने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी समस्याओं का तत्काल निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा। नागरिकों द्वारा कोई शिकायत आने पर उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक डी श्रवण ने कहा कि शासन की योजना बच्चे के जन्म के पहले से लेकर वृद्धवस्था तक होती है। जिले के अंतिम क्षेत्र के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है। जनचौपाल के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का लाभ जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास, विश्वास और सुरक्षा से पुलिस का कार्य जुड़ा होता है। विश्वास से ही कार्य आगे बढ़ते हैं और सुरक्षा के वातावरण से विकास होता है। तीनों पहलू सार्थक रूप से चलते हंै। उन्होंने कहा कि शिविर में सुपोषण किट का वितरण किया गया है। जिससे बच्चों को पूरा पोषण मिल सके। शासन द्वारा बच्चों के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हंै। इन योजनाओं का लाभ लेते हुए बच्चों को पढ़ाना और उनका विकास करना अभिभावकों की जिम्मेदारी है। बच्चों के विकास से देश का विकास होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या होने पर समीप थाना में अपना शिकायत दर्ज करा सकते हंै। सीईओ जिला पंचायत लोकेश चंद्राकर ने कहा कि जनचौपाल के माध्यम से आवेदन प्राप्त कर विभिन्न विभागों द्वारा निराकरण किया जाएगा। जनचौपाल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ वनाचंल क्षेत्रों के विकास के लिए शासन लगातार प्रयास कर रही है।
जिला स्तरीय जनचौपाल में पंचायतों में 74 लाख 88 हजार रूपए की कार्यों की स्वीकृति दी गई। साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एनीमिक महिलाओं को पोषण किट का विरतण किया गया। इसी प्रकार नोनी सुरक्षा योजना के तहत प्रमाण पत्र, कृषि विभाग द्वारा किसानों को सरसों बीज, समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धजनों को साल, श्रीफल और स्टिक, पुलिस विभाग द्वारा स्कूल के बच्चों के लिए वॉलीबाल एवं क्रिकेट किट का वितरण किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाया गया। जिसमें कोरोना टीकाकरण सहित सामान्य बीमारियों की जांच की गई। उल्लेखनीय है कि जिले की विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने और उनके समस्याओं का निराकरण करने के उद्देश्य से छुईखदान विकाखण्ड के ग्राम सरईपतेरा में जिलास्तरीय जनचौपाल का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ममता, एसडीएम छुईखदान सुनील शर्मा, जनपद सीईओ प्रकाश तारम सहित जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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