देखने आए थे दोस्त की नसबंदी प्रेरित होकर खुद भी करा ली नसबंदी

रायपुर 2 दिसंबर 2021, महिला नसबंदी की तुलना में भले ही पुरुष नसबंदी कम है। लेकिन समझदार पुरुष अब पत्नी के बजाए खुद से आगे आकर परिवार नियोजन के स्थाई साधन पुरुष नसबंदी करवाने में आगे आ रहे हैं ।

मोहन (बदला हुआ नाम) बताते हैं, “मेरे 3 बच्चे हैं और मैं अब और बच्चे नहीं चाहता। इसके लिए मैं चिकित्सालय जाकर स्थाई साधन के लिए बातचीत की तो मुझे परिवार नियोजन परामर्शदाता ने बताया परिवार नियोजन के लिए आप पुरुष नसबंदी करवा सकते हैं। बातचीत में मैंने पूछा कि महिला नसबंदी ज्यादा बेहतर है या पुरुष नसबंदी तब परामर्शदाता ने मुझे बताया पुरुष नसबंदी में केवल 5 मिनट का समय लगता है । जबकि महिला नसबंदी एक जटिल प्रक्रिया है। जिसके बाद महिला को सामान्य स्थिति तक आने में कभी कभी एक महीना तक लग जाता है । इसकी तुलना में पुरुष 1 घंटे बाद अपने नियमित कार्य कर सकता है ।“

मोहन के साथ आए उसके मित्र अमित (बदला हुआ नाम) का कहना है कि “हम लोग अभी आपस में बात कर ही रहे थे की मोहन ने आकर बताया कि मेरी नसबंदी हो गयी है ।  हमको पहले विश्वास नहीं हुआ कि पुरुष नसबंदी इतनी जल्दी कैसे हो सकती है।“

इस बारे में काउंसलर ने उसको बताया, “पुरुष नसबंदी मात्र एक रस्सी में गांठ लगाने जैसा है, जितना समय आपको रस्सी में गांठ लगाने में लगता है, उतना ही समय इस नसबंदी में लगता है । पुरुष नसबंदी इतनी सरल प्रक्रिया है यह जानकर हमने भी पुरुष नसबंदी करवा ली है। महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की भी परिवार नियोजन में बराबर जिम्मेदारी है ।“

डॉ.संजय नवल सर्जन कहते है ‘’नसबंदी में अब पुरुषों का समर्थन भी मिल रहा है । पुरुष नसबंदी जन्म दर को रोकने का एक स्थायी, प्रभावी और सुविधाजनक उपाय है। यह यौन जीवन को बेहतर बनाता है। सहवास के दौरान गर्भ ठहरने की चिंता को दूर करता है।पुरुष नसबंदी एक सामान्य प्रक्रिया है नसबंदी की प्रक्रिया शासकीय चिकित्सालयों में निशुल्क की जाती है। ‘’

‘’पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी में किसी एक को चुनना हो, तो पुरुष नसबंदी को चुनना बेहतर विकल्प होता है। पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया आसान है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं पड़ती। ऑपरेशन के बाद पुरुष चलकर भी घर जाने की हालत में रहता है। पुरुष नसबंदी गर्भ रोकने का एक स्थायी तरीका भी है।’

नसबंदी के बाद पुरुष की सहवास करने की इच्छा, प्राइवेट पार्ट में तनाव, चरम सीमा का आनंद और वीर्य की मात्रा जितनी पहले थी, उतनी ही रहती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के मीडिया प्रभारी गजेंद्र डोंगरे ने बताया कि पखवाड़ा 4 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा । लेकिन पुरुष नसबंदी के लिए तैयार होने वाले केस मिलने पर पखवाड़ा बढ़ाया भी जा सकता हैं।

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