Supreme Court Delhi NCR Pollution: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में टास्क फोर्स के गठन की जरूरत है. ताकि अदालत के निर्देशों का सही से पालन हो सके. उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स को फ्लाइंग स्क्वायड की शक्तियां दी जाएं, जो निर्देशों का उल्लंघन करने पर तत्काल एक्शन ले सकें. जैसे सीज करने की शक्तियां दी जाएं. विकास सिंह ने कहा कि आज 500 AQI है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वो सभी के लिए एक जैसे होने चाहिए.
इसके बाद सीजेआई ने स्कूल बंद नहीं किए जाने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं, अखबारों में आ रहा है. कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करा रहे हैं और बच्चे स्कूल भेजे जा रहे हैं. तभी दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने दो मिनट का समय मांगा, तो सीजेआई ने कहा कि हम विपक्ष नहीं हैं. जो बेवजह आपकी निंदा करें. हमें बस लोगों की चिंता है. सीजेआई ने कहा कि आप कुछ नहीं करेंगे तो हमें बंद करना पड़ेगा.
दिल्ली सरकार से पूछा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आश्वासन और लोकप्रियता के नारों के अलावा कोई काम नहीं है. अगर आप आदेश चाहते हैं, तो हम आदेश देंगे. सीजेआई एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने कहा, हम प्रदूषण के मामले में आपकी सरकार को संचालित करने के लिए किसी को नियुक्त करेंगे. आप हमें बताइए कि आपने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया है. इसलिए माता-पिता घर से काम करते हैं और बच्चों को स्कूल जाना पड़ता है. यह क्या है?
जुर्माना ही प्रदूषण का हल नहीं
सीजेआई ने पूछा कि दिल्ली सरकार के पास कितने उड़न दस्ते हैं. केंद्र सरकार के पास कितने हैं. इसपर सिंघवी ने कहा कि उड़न दस्तों की बहुलता केवल भ्रम को बढ़ाएगी. मुझे यह स्पष्ट करना चाहिए. निरीक्षण करने के लिए टीमें हैं. सीपीसीबी और प्रदूषण बोर्ड के उड़न दस्ते हैं. कोर्ट ने कहा कि आप लोग सिर्फ दलीलें देते हैं और समय बर्बाद करते हैं. फिर सिंघवी बोले कि ऐसा नहीं है. कई उड़न दस्ते हैं और हमने कल के हलफनामे में बताया भी है. इसके अलावा प्राधिकार काम कर रहे हैं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा कि यूपी, हरियाणा और दिल्ली में विभिन्न साइट्स में उल्लंघन हुआ, जिसका जिक्र आपने हलफनामे में किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और हरियाणा का हलफनामा एक जैसा है. जुर्माना लगाकर पैसा वसूलना प्रदूषण का हल नहीं है.
कोर्ट ने पूछा प्रदूषण का मुख्य स्रोत
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि औद्योगिक प्रदूषण और परिवहन प्रदूषण ही वायु प्रदूषण के मुख्य कारक हैं. सीपीसीबी ने बताया कि दिल्ली में कोई प्रदूषण कारक इंडस्ट्री नहीं है. यूपी, हरियाणा में हैं और पंजाब काफी दूर है. तुषार मेहता ने कहा कि उद्योग बंद किए गए हैं. वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, आपने आयोग का गठन किया है. आज आयोग बताएगा कि प्रदूषण का मुख्य स्रोत कौन सा है. आपके पास विज्ञान और डाटा है? जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले और निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं या नहीं. इसके बाद एसजी ने कहा कि जरूरी सामान लाने वाले वाहनों के अलावा 10000 वाहनों को डायवर्ट किया गया है.
सरकारों को दिया 24 घंटे का वक्त
प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन पर कुछ ठोस प्रस्ताव देने के लिए केंद्र, दिल्ली और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से 24 घंटे का समय दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह कल सुबह 10 बजे 30 मिनट पर बैठेगा. अगर केंद्र एक संतोषजनक तंत्र के साथ आने में विफल रहता है, तो कुछ आदेश पारित करेगा. सीजेआई ने कहा कि आपकी प्रदूषण के वायु गुणवत्ता आयोग में कितने सदस्य हैं. एसजी ने कहा कि 16 सदस्य हैं. कोर्ट ने कहा कि निर्देशों को लागू कराने की शक्तियां नहीं हैं. एसजी ने कहा कि मैं इस पर जवाब दूंगा. सरकार काम कर रही है. सभी चिंतित हैं और मुझे कल या सोमवार तक आयोग के बारे में जवाब देने के लिए समय दीजिए. मैं मंत्री से बात करके ही इसपर जवाब दूंगा.
उद्योग बंद करने का दे सकता है आदेश
यूपी के लिए रंजीत कुमार पेश हुए और कहा कि आयोग के पास शक्तियां हैं. वह जुर्माना लगाने के अलावा प्रदूषक उद्योगों को बंद करने का आदेश दे सकता है. सीजेआई ने कहा कि एसजी आप यह समझिए कि आपातकालीन स्थिति है. मान लीजिए कोई बुखार से पीड़ित है तो उसपर इतने भारी प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ेगा. आखिर क्या जरूरत है 20-30 सदस्य वाले आयोग की जब प्रदूषण बरकरार है. सीजेआई ने कहा कि हमें कुछ अलग करना होगा. वरना यह प्रदूषण कम नहीं किया जा सकेगा.
सॉलिसिटर जनरल ने समय मांगा
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सोमवार का समय दें. विकास सिंह ने कहा कि पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था. बार बार स्थगन की मांग कि गई थी. विकास सिंह ने कहा कि जब तमाम कदम उठाने के बाद यह हालात हैं तो इसका मतलब है कुछ सही नहीं हो रहा है. ऐसे में कोर्ट कुछ समय के लिए टास्क फोर्स का गठन करे, ताकि प्रदूषण कम हो. सीजेआई ने कहा कि वाहनों और औद्योगिक प्रदूषण को लेकर हम चिंतित हैं. लोगों की सेहत खराब हो रही है. कल देखते हैं कि आप सुबह क्या बताते हैं, आप नहीं करेंगे तो हम आदेश जारी करेंगे.
लंबे चौड़े आयोग का क्या मतलब?
सीजेआई बोले कि लंबे चौड़े आयोग का क्या मतलब है? दवा के बावजूद बुखार बढ़ रहा है. हम आपकी नौकरशाही को काम करना नहीं सिखा सकते. हम जज आपस में बात कर रहे थे कि शायद हमें कुछ बड़ा कदम उठाना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एक मंत्री के सेंट्रल विस्टा जाने और तस्वीर खिंचवाने पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि कुछ लोगों से जुर्माना वसूलकर सरकारी खाते में जमा करना हल नहीं है. कोर्ट ने स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के संकेत दिए हैं. जबकि केंद्र और दिल्ली ने इसका विरोध किया है.
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