वृक्षासन – लंबा खड़े हो जाएं, और एक पैर विपरीत आंतरिक जांघ पर रखें. पैर को बगल की ओर खोलें, अपने हाथों को ऊपर प्रार्थना की ओर लाएं. पांच से आठ सांसों तक के लिए इस मुद्रा में रहें. ये आसान संतुलन और एकाग्रता के लिए अच्छा है और पैर और पेट की ताकत को बढ़ाता है.
अधोमुखी – हाथों और पैरों को जमीन पर रखें. अपने पैर की उंगलियों को नीचे रखें और अपने कूल्हों को ऊपर और पीछे तब तक उठाएं जब तक कि आपका शरीर एक त्रिकोण न बना ले. जितना हो सके वजन को वापस लाने के लिए अपनी कोर स्ट्रेंथ और पैरों का इस्तेमाल करें. 5 से 8 सांसों के लिए इस मुद्रा में रुकें और फिर से दोहराएं. ये आसन जोड़ों के स्वास्थ्य, लचीलेपन और पूरे शरीर की ताकत के लिए अच्छा है.
नौकासन – अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अपने ऊपरी शरीर को फर्श से ऊपर ले जाएं. अपने शरीर के वजन को अपने कूल्हों पर रखें और अपने पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं. अपनी हाथों जमीन के समानांतर रखें और आगे की ओर देखें. अपने पेट की मांसपेशियों को कस लें. अपनी पीठ को सीधा रखें. ये आसन पीठ दर्द के लिए बहुत फायदेमंद है.
संतुलनासन – प्लैंक पोज – पेट के बल लेटें. अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे रखें और अपने ऊपरी शरीर, श्रोणि और घुटनों को ऊपर उठाएं. फर्श को पकड़ने के लिए अपने पैर की उंगलियों का इस्तेमाल करें और घुटनों को सीधा रखें. सुनिश्चित करें कि आपके घुटने, श्रोणि और रीढ़ संरेखित हैं. आपकी कलाई आपके कंधों के नीचे होनी चाहिए और आपकी बाहें सीधी होनी चाहिए. ये आसन पीठ और पैरों को मजबूत करता है.
[metaslider id="347522"]