किसान आंदोलन से रेलवे को हुआ करोड़ों का नुकसान, लोकसभा में रेल मंत्री ने कही ये बात

नई दिल्ली. करीब एक साल से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) से रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. यह नुकसान रेलवे के अलग-अलग जोन में हुआ है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने लोकसभा में एक सवाल में जबाब में इसकी जानकारी दी. इसमें बताया गया है कि इस साल एक दिसंबर तक जिस जोन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, उसमें नार्दन रेलवे (Northern Railways) पहले नंबर पर है.

रेलवे की ओर से यह बताया गया है कि इस साल अक्टूबर तक के महीने में नार्दन रेलवे के क्षेत्र में 1212 धरना-प्रदर्शन हुए. इस वजह से रेलवे को लगभग 22 करोड़ 58 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. हाल के दिनों में हुए किसान आंदोलन का सबसे बड़ा क्षेत्र दिल्ली, पंजाब, हरियाणा रहा है. इन इलाकों में बड़ी संख्या में किसानों ने प्रोटस्ट किया. जिसका असर रेलवे की आय पर पड़ा है और उसे भारी नुकसान हुआ है.

ट्रेनों का परिचालन बाधित


रेलवे ने साफ किया है कि स्थानीय पुलिस औऱ प्रशासन अपराध को रोकने, पता लगाने, पंजीकरण और जांच और कानून बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. रेलवे ने यह भी साफ किया है कि चालू वित्त वर्ष 2021 में अक्टूबर तक के दौरान रेलवे को जो कुछ भी अऩुमानित नुकसान हुआ है, उसके लिए अन्य संगठनों के आंदोलन के साथ-साथ किसान आंदोलन भी जिम्मेवार है. इसकी वजह से ट्रेनों का परिचालन काफी बाधित हुआ है.

रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ईस्टर्न रेलवे को 33400000 रुपये, ईस्ट सेंट्रल को 1511602 रुपये, ईस्ट कोस्टल रेलवे को 67891824, नार्थ सेंट्रल को 937951, नार्थ ईस्टर्न को 1407217, नार्थ वेस्टर्न को 11044256, साउथ रेलवे को 8263, साउथ ईस्टर्न को 26120609 और साउथ ईस्ट सेंट्रल को 579185 रुपये का नुकसान हुआ है.

आंदोलन की वजह से यात्रियों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई


रेलवे ने साफ किया है कि अलग-अलग आंदोलन की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई. इससे रेलवे को यात्रियों का किराया वापस करना पड़ा. इसके साथ ही आंदोलन की वजह से कई जगहों पर ट्रेने कैंसिल हुई. कई ट्रेनों को शार्ट टाइम के लिए टर्मिनेट किया गया.

रेलवे के इन जोन में कोई नुकसान नहीं


रेलवे ने यह भी साफ किया है कि सेंट्रल रेलवे में 2, नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में 28, साउथ सेंट्रल में 3, वेस्टर्न में 7 और वेस्ट सेंट्रल में 20 बार अलग-अलग वजहों से प्रदर्शन हुए. बावजूद इसके किसी ट्रेन को रद्द या उसके रुट में बदलाव नहीं करना पड़ा. यानी इससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.