1 साल में 50% बढ़ी टमाटर की कीमतें, पिछले दो महीनों में 25% का इजाफा: सर्वे…

 टमाटर की कीमतें एक साल में ज्यादातर राज्यों में 50 फीसदी बढ़ी हैं. एक डिजिटल कम्युनिटी बेस्ड प्लेटफॉर्म लोकल सर्क्लस (LocalCircles) द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में कहा गया है कि पिछले दो महीनों में टमाटर के दाम में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है. स्टडी में सामने आया है कि जिन लोगों ने संगठित रिटेल और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए टमाटर खरीदे हैं, उन्होंने स्थानीय बाजारों से खरीदे गए टमाटरों के मुकाबले 10 से 20 फीसदी ज्यादा कीमत चुकाई है.

सर्वे का मकसद यह पता लगाना था कि ज्यादातर परिवारों ने 2020 की तुलना में इस साल टमाटर खरीदने के लिए कितनी औसत राशि दी है. इस सर्वे में 19 हजार से ज्यादा लोगों के जवाब मिले, जिसमें से 41 फीसदी जवाब टीयर-1 शहरों से थे. इसके अलावा टीयर-2 शहरों से 33 फीसदी और टीयर-3 शहरों और ग्रामीण जिलों से 26 फीसदी जवाब शामिल हैं.

सबसे ज्यादा लोगों ने 60 रुपये/ किलो पर खरीदा टमाटर

औसतन, 10,025 लोगों में से 44 फीसदी ने कहा कि उन्होंने टमाटर खरीदने के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा कीमत चुकाई है. करीब 31 फीसदी परिवारों ने कहा कि वे टमाटर खरीदने के लिए 50-59 रुपये दे रहे हैं. 23 फीसदी लोगों ने बताया कि टमाटर के लिए वे 60-69 रुपये का भुगतान कर रहे हैं. और 21 फीसदी लोगों का कहना था कि वे 70 रुपये या ज्यादा राशि दे रहे हैं. सर्वे में केवल 8 फीसदी लोगों ने कहा कि टमाटर खरीदने के लिए वे 30-49 रुपये दे रहे हैं.

सितंबर 2021 के LocalCirlces के सर्वे में पाया गया है कि अधिकतर लोगों ने भारत में टमाटर खरीदने के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत चुकाई है, जो दो महीनों में 25 फीसदी बढ़कर 75 रुपये हो गई है.

34% लोगों ने रिटेल और ई-कॉमर्स के जरिए खरीदे टमाटर

बड़े और टीयर-1 शहरों में ज्यादातर लोगों द्वारा भगतान की गई कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम थी. जबकि, टीयर-2 और 3 शहरों में यह औसतन 70 रुपये प्रति किलोग्राम रही. वहीं, छोटे शहरों और ग्रामीण जगहों में परिवारों ने 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान किया है. औसतन, 9,543 लोगों में से 34 फीसदी ने संगठित रिटेल और ई-कॉमर्स चैनलों के जरिए टमाटर खरीदे हैं. जबकि, 66 फीसदी लोगों ने स्थानीय दुकानों से टमाटर खरीदे हैं.

रिपोर्ट में सरकारी डेटा का हवाला देते हुए कहा गया है कि रिटेल बाजारों में इन पेरिशेबल (जल्दी खराब होने वाली) सब्जियों की कीमतें अलग-अलग राज्यों में अलग दरों पर बढ़ी हैं, जिसके पीछे कई कारण मौजूद हैं. सप्लाई में रूकावटें, ट्रेड रेगुलेशन में परेशानी और नवंबर की शुरुआत में बहुत से राज्यों में डीजल की कीमतें 100 रुपये से पार चले जाना इनमें शामिल हैं. बता दें कि देश भर में टमाटर की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग परेशान हैं.

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