अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे UPSC अभ्यर्थी, गृह मंत्री आवास कूच करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका…

दिल्ली28 नवंबर (वेदांत समाचार)। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवार एक अतिरिक्त प्रयास की मांग कर रहे हैं (Extra UPSC Attempt). अपनी मांगों को लेकर UPSC अभ्यर्थी आज (रविवार) को जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Protest) पर बैठे और गृह मंत्री आवास की तरफ जाने की कोशिश रहे हैं. ऐसे में पुलिस ने अभ्यर्थीयों को बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया है.

यूपीएससी के उम्मीदवारों को उम्मीद है कि तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने के फैसले की तरह सरकार उनकी मांगों को भी सुनेगी. यह दावा करते हुए कि COVID-19 महामारी ने उनकी तैयारियों को प्रभावित किया है, UPSC के उम्मीदवारों का एक वर्ग अपनी मांगों के लिए राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को विरोध प्रदर्शन कर रहा है. इनकी मांग है कि केंद्र सरकार की UPSC परीक्षाओं में दो और प्रयास और दो साल की आयु में (2020 के उम्मीदवारों सहित) छूट दी जाए.

आखिरी मौका कोरोना काल में गंवाया दिया

हड़ताल पर बैठे एक UPSC अभ्यर्थी पंकज चौहान का कहना है कि वह ज़मीन बेचकर दिल्ली UPSC की तैयारी करने आए लेकिन कोरोना के चलते गांव चले गए. आखिरी मौके के लिए तैयारी नहीं कर पाए. अभी दोस्तों से मिल रही आर्थिक मदद से दिल्ली में डटे हुए हैं. जयपुर के रहने वाले महेंद्र चौधरी का कहना है कि 5 बार prelims निकाल चुके हैं. आखिरी मौका कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान गंवाया. घर चले गए और सारी किताबें दिल्ली में थी. इस बीच परिवार में कई लोग कोरोना संक्रमित थे तो तैयारी नहीं हो पाई.

पिता की मौत के चलते नहीं हो पाई तैयारी

बिहार के गौरव ठाकुर का कहना है कि 3 बार prelims निकाला है, पिछले साल आखिरी अटेंम्ट वाली परीक्षा से एक महीने पहले पिता की कोरोना से जान चली गई थी ऐसे में तैयारी ठीक से नहीं हो पाई. ऐसे ही तमाम कई लोग जो कोरोना के चलते ठीक से तैयारी नहीं कर पाए और परीक्षा देने के और दो मौके की मांग कर रहे हैं.

यूपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में समाज सेविका योगिता भयाना भी जंतर-मंतर पहुंचीं. भयाना ने कहा कि इनकी मांग जायज है और इन्हीं अभ्यर्थियों पर पूरे देश के सिस्टम का ढांचा तैयार होता है, ऐसे में इनको अतिरिक्त मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि यहां पर बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को कोरोनावायरस की वजह से खोया है. यह नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी कि इन लोगों को यहां पर बैठकर प्रदर्शन करना पड़े.