अफगानिस्तान में बुरा हाल, 4 साल के लड़के से शादी के लिए परिवार ने बेची 3 साल की बेटी, राशन के लिए दुकानदार से किया सौदा…

अफगानिस्तान में तालिबान के लौटते ही देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों के पास दो वक्त के खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं. ऐसे में कई परिवारों ने अपनी छोटी बच्चियों को बेचना शुरू कर दिया है. इन लोगों का कहना है कि यह परिवार के बाकी सदस्यों का पेट भरने के लिए ऐसा कर रहे हैं . ताजा मामला एक तीन साल की बच्ची की बिक्री का है. बच्ची का मां का कहना है कि उसे मजबूर होकर अपनी बेटी को बेचना पड़ा. महिला को डर है कि अब उसका एक और नवजात बच्चा भी बेचा जा सकता है.

एक ब्रिटिश वेबसाइट के अनुसार, सबहरेह नामक महिला का कहना है कि उसने खाने के पैसे चुकाने के लिए अपनी बेटी बेची है. उसने एक दुकान से राशन खरीदा था, जिसके पैसे वो नहीं दे सकी (Afghanistan Child Marriages). उसे अपने तीन महीने के एक और बच्चे को बेचने का डर सता रहा है. महिला का कहना है कि उसे धमकी दी गई थी कि अगर वो पैसा नहीं देगी, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा. जिसके बाद उसने अपनी बेटी को बेचने का फैसला लिया. जिसकी शादी जबिउल्लाह नामक दुकानदार के चार साल के बेटे के साथ की जाएगी.

खाने-पीने के लिए घर पर कुछ नहीं

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, बदगीस प्रांत के जैमत आईडीपी कैंप में दुकान चलाने वाले शख्स ने कहा कि तीन साल की बच्ची के बड़ा होने पर वो उसकी जिम्मेदारी संभालेगा. पीड़िता की मां की उम्र 25 साल है. उसका कहना है, ‘मैं ऐसा करके खुश नहीं हूं लेकिन हमारे पास खाने-पीने को कुछ नहीं था (Baby Girls Marriage). अगर ऐसा ही जारी रहा, तो हमें अपने तीन महीने के एक और बच्चे को बेचना पड़ेगा.’ सबहरेह के पड़ोस में रहने वाली महिला ने कहा कि तालिबान के आने के बाद लाखों परिवार अत्यंत गरीब हो गए हैं. वो अपने बच्चों का बाल विवाह कर रहे हैं.

लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले

पड़ोस में रहने वाली इस महिला ने पैसे के लिए खुद अपनी नाबालिग बेटी की शादी 23 साल के शख्स के साथ तय कर दी है. गजनी शहर में रहने वाली एक बेघर महिला का कहना है कि उसने करीब एक लाख रुपये में अपनी 13 साल की बेटी को बेचा है. ताकि अपने बाकी के तीन बच्चों का पेट भर सके (Humanitarian Crisis). इससे कुछ दिन पहले खबर आई थी कि एक परिवार ने अपनी कुछ ही दिन की नवजात बच्ची को पैसे के लिए बेच दिया है. अफगानिस्तान में तालिबान का शासन शुरू होती ही मानवीय संकट गहरा गया है. जिसकी सजा आम लोगों को मिल रही है.

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