सेन्ट्रल जीएसटी के चीफ कमिश्नर को जीएसटी सरलीकरण करने सुझाव दिए गए …

रायपुर27 नवंबर (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को दोपहर 3 बजे जीएसटी कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में नवनीत गोयल जी (आई.आर.एस), चीफ कमिश्नर सेन्ट्रल जीएसटी,सेन्ट्रल एक्साइज एंड कस्टम, भोपाल जोन (म.प्र.), बी.बी. महापात्रा प्रिंसीपल कमिश्नर सेंट्रल जीएसटी एवं अजय कमिश्नर (ऑडिट) से छत्तीसगढ़ चेम्बर का एक प्रतिनिधि मंडल मिला, जिसमें चेम्बर सलाहकार- भरत बजाज, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा ने जीएसटी सरलीकरण संबंधी अपने सुझाव दिए ।

प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने जीएसटी सरलीकरण एवं विसंगतियों को दूर करने औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों से प्राप्त सुझावों को बताया साथ ही

इनपुट क्रेडिट का 105 प्रतिशत सम्बंधित प्रावधान, जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलना , आरसीएम संबधित प्रावधान , एक ही लेनदेन पर दो दो बार ब्याज विक्रेता पर हीकारवाई की जानी चाहिए, स्पॉट ऑडिट संबधित प्रावधान , स्टेशनरी वस्तु “पेन” पर जीएसटी में वृद्धि , नियम 86 बी- आईटीसी में 99 प्रतिशत बंधन , नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण , ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती, ई-इनवॉइसिंग के 1 अप्रेल 2021 से रु. 50 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस ले । ई चालान प्रक्रिया की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन के लिए । जीएसटी वार्षिक विवरण के संबंध में सुझाव वन टाइम एमनेस्टी स्कीम लानी चाहिए , ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान किया जाए , माल के परिवहन एवं ई-वे बिल संबंधित समस्याएं , जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने , रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं , जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हों , व्यवसाय को राहत देने एवं इज ऑफ डूइंग के लिए , जीएसटी की दर में कमी के लिए , एक व्यवसाय एक कर , प्रक्रिया को केन्द्रीकृत करें ।

उन्होने नवनीत गोयल (आई.आर.एस),चीफ कमिश्नर जीएसटी,सेन्ट्रल एक्साइज एंड कस्टम, भोपाल जोन से कहा कि वर्तमान में व्यापारी वर्ग जीएसटी की दरों से जितना परेशान नहीं हैं उससे अधिक परेशान जीएसटी में परिवर्तन की दरों (जीएसटी के प्रावधानों में निरंतर हो रहे संशोधनों) से हैं । अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी के प्रावधानों में संशोधन कम हो एवं संशोधन वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही लागू हो।

नवनीत गोयल (आई.आर.एस),चीफ कमिश्नर सेन्ट्रल जीएसटी ने कहा चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने व्यापारिक हित में व्यापार में आ रही जीएसटी संबंधी दिक्कतों को समय रहते चेम्बर के माध्यम से हमें इन सब मुद्दों से अवगत कराया है। हमारे पास जो भी सुझाव 15 दिसम्बर तक आ जाते हैं उसे बजट में रखा जाता है। पारवानी ने हमें समय से पूर्व सुझाव दिया है, यह बहुत ही सराहनीय है।