मध्य प्रदेश 21 नवंबर (वेदांत समाचार)। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल और मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है. सीएम शिवराज सिंह का कहना है, दोनों ही शहरों की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
आसान भाषा में समझें तो इस सिस्टम के लागू होने के बाद पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर मिल जाएंगी. पुलिस को लाठी चार्ज करने और धारा 144 लागू करने के लिए कलेक्टर के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा. मध्य प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम कब से लागू होगा, फिलहाल इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं जारी की गई है.
क्या है पुलिस कमिश्नर सिस्टम, इससे कितना कुछ बदेलगा और क्या असर पड़ेगा, जानिए इन सवालों के जवाब…
क्या है पुलिस कमिश्नर सिस्टम?
आमतौर पर किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में पुलिस अधिकारी बड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र नहीं होते. इन्हें जिलाधिकारी, मंडल आयुक्त और शासन की ओर जारी होने वाले निर्देशों के आधार पर काम करना पड़ता है. पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे. पुलिस कमिश्नर कोई भी निर्णय ले सकेंगे.
सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस को कौन से अधिकार मिलेंगे?
पुलिस को मजिस्ट्रेट के कई अधिकार मिलेंगे. कार्रवाई करने के लिए मजिस्ट्रेट के अधिकार डीसीपी और एसीपी को मिल जाएंगे. सरकार शहर की स्थिति के आधार पर डीसीपी की तैनाती करेगी जो एसपी रैंक के होंगे. आर्म्स, आबकारी और बिल्डिंग परमिशन के लिए दी जाने वाली NOC पुलिस जारी कर सकेगी. इसके अलावा क्षेत्र में धारा 144 लागू करने, लाठीचार्ज करने और धरना प्रदर्शन-रैलियों की अनुमति देने का आधिकार भी पुलिस के पास होगा.
कहां-कहां लागू है पुलिस कमिश्नर सिस्टम?
देश के कई राज्यों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है. इनमें पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान शामिल है. शहरों की बात करें तो देश के 71 शहरों में यह सिस्टम पहले से ही है. मध्य प्रदेश में लागू होने वाला पुलिस कमिश्नर सिस्टम दूसरे महानगरों की तरह ही होगा या इसमें कुछ बदलाव होंगे, यह लागू होने के बाद ही पता चलेगा.
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की नौबत क्यों आई?
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है, भोपाल और इंदौर दोनों शहरों की आबादी बढ़ रही है. शहरों में अपराध को रोकने और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया गया है.
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