तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा लोकतंत्र की जीत एवं मोदी सरकार के अहंकार की हार: भावना जायसवाल

कोरबा,19 नवम्बर (वेदांत समाचार)। अध्यक्ष जिला महिला कांग्रेस ग्रामीण कोरबा भावना जायसवाल ने तीन काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को लोकतंत्र की जीत और मोदी सरकार के अहंकार की हार बताया। उन्होंने कहा कि काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा पहले हो जाती तो सैकड़ों किसानों को जान गवांनी नहीं पड़ती। यह पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों के धैर्य की जीत है। देश कभी नहीं भूल सकता कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता एवं अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

भावना जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। यह पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों के धैर्य की जीत है। किसानों का बलिदान व्यर्थ नही जाएगा। किसानों के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ ही गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पारित कृषि बिल विधेयक से किसानों में आक्रोश था। नए कानूनों के जरिए सरकार ने किसानों को कारपोरेट घरानों के हवाले करने की तरफ कदम बढ़ाया था। इस विधेयक के लागू होने पर कार्पाेरेट घराने किसानों से एग्रीमेंट करते।

किसानों की फसल या उपज खरीदकर पंूजीपति जमाखोरी को बढ़ावा मिलता। इस विधेयक से सहकारी समिति संस्था और मंडी व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो जाती। जबकि सहकारी समितियां और कृषि उपज मंडी किसानों को संबल प्रदान करती है। इस काले कानून को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त रहा। जिसे लेकर किसान संगठन शुरू से विरोध करते आ रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों को अपनी जान भी गवानी पड़ी। तब कहीं जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल को वापस लेने का फैसला लिया। हालांकि यह केंद्र सरकार फैसला दो राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भी लिया गया है। मोदी सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। इसका जवाब जनता आने वाले चुनाव में देगी।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]