जांजगीर-चांपा, 18 नवंबर (वेदांत समाचार)। कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी का राज्य का सबसे बड़ा अभियान 1 दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में जांजगीर-चांपा जिले का धान खरीदी का लक्ष्य सर्वाधिक है। जिला स्तरीय नोडल अधिकारी इस अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें और जिला में सुव्यवस्थित धान की खरीदी सुनिश्चित करें।
कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में धान खरीदी नोडल अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा किसानों को अपने स्वयं के बारदानों में खरीदी केंद्र में धान लाने की सुविधा दी गई है, ताकि किसान 1 दिसंबर से अपनी उपज की बिक्री कर सके। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों से कहा कि वे 25नवंबर तक सभी खरीदी केंद्रों में बारदाने सहित ड्रेनेज, तौल, किसानों की सुविधा के लिए छाएं और पेयजल, हमाल, स्टेक आदि का समुचित प्रबंध सुनिश्चित करें।
गुणवत्ता का एक पारदर्शी मापदंड अपनाए –
कलेक्टर ने खरीदी केंद्र में आने वाले धान की गुणवत्ता के संबंध में केंद्र प्रभारियों, खंड स्तरीय समिति को निर्देशित कर का है कि वे धान की गुणवत्ता के संबंध में समदर्शी मापदंड का पालन करें, पक्षपात की शिकायत न हो यह सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित कर कहा है कि वे प्रत्येक केंद्र स्तर की समिति की बैठक लें और धान खरीदी के संबंध में शासन के दिशा- निर्देश तथा प्रशासनिक व्यवस्था से मौखिक और लिखित में उन्हें अवगत कराएं ताकि खरीदी तथा अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में किसी भी केंद्र प्रभारी को कोई भ्रम न रहे।
छोटे किसानों को टोकन जारी करने में प्राथमिकता –
कलेक्टर ने सीमांत और कम रकबा वाले कृषकों को टोकन जारी करने में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने छोटे-बड़े किसानों को 70 और 30 के अनुपात में टोकन जारी करने कहा है। कलेक्टर ने कहा कि सभी धान खरीदी केंद्रों में किसानों से धान क्रय करने अनुकूल और सकारात्मक वातावरण बनाएं।
ड्रेनेज की व्यवस्था एवं धान की सुरक्षा –
कलेक्टर ने कहा कि धान के स्टेक लगाने के पूर्व ड्रेनेज की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने बारिश से धान को बचाने तारपोलिन आदि की व्यवस्था करने और बारिश की स्थिति में धान की सुरक्षा सुनिश्चित करने कहा। कलेक्टर ने किसानों द्वारा उनके बारदानों में क्रय किए गए धान को यथाशीघ्र मिलिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए।
केंद्रों का सतत निरीक्षण, बिचौलिए दलालों की निगरानी, समस्या का त्वरित समाधान –
कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारियों को धान खरीदी केंद्रों का सतत निरीक्षण करने तथा निरीक्षण प्रतिवेदन की एक प्रति केंद्र में एक अनुभाग स्तरीय समिति तथा एक प्रति जिला धान खरीदी नियंत्रण कक्ष में जमा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी केंद्र में धान खरीदी संबंधी कोई समस्या हो तो उसकी सूचना खंड स्तरीय, समिति को दें। निराकरण नहीं होने की स्थिति में खाद्य अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी को देने के साथ ही समस्या का त्वरित प्रभावी समाधान स्वयं कराने के निर्देश दिए।
जिला स्तरीय धान खरीदी नियंत्रण कक्ष –
संपूर्ण जिले में धान खरीदी कार्य की सतत निगरानी एवं सुव्यवस्थित खरीदी के लिए जिला स्तरीय धान खरीदी नियंत्रण कक्ष कलेक्टर कार्यालय में बनाया जाएगा। नियंत्रण कक्ष में पंजी संधारित होगी। जिसमें जिले के धान खरीदी केंद्रों से प्राप्त सूचनाएं दर्ज की जाएगी। संबंधित अधिकारियों को प्राप्त समस्या की जानकारी देने और निराकरण की जानकारी दर्ज की जाएगी। नोडल अधिकारी नियंत्रण कक्ष में निरीक्षण कार्य की फोटो भी सेंड करेंगे। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी चेक लिस्ट के अनुसार केंद्र का निरीक्षण करें और व्यवस्था सुनिश्चित करें।
किसी भी स्तर की अनियमितता के खिलाफ त्वरित कड़ी कार्रवाई –
कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्र में किसी भी स्तर पर अनियमितता करने वाले कर्मियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अवैध धान न बिके इसके मद्देनजर दलालों और बिचौलियों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
90 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य –
जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 90 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। लगभग 1,98,000 किसान पंजीकृत हैं। बैठक में खाद्य अधिकारी और जिला स्तरीय व धान खरीदी नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
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