बागबाहरा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली और दुनिया की प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनी इंटेल के सहयोग से आयोजित आर्टिफिशियल इंटेल के द्वितीय चरण का परिणाम घोषित हुआ। जिसमें देश भर के टॉप 60 प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ के दो प्रोजेक्ट ने अपनी जगह बनाई। महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के शासकीय कुलदीप निगम हायर सेकंडरी स्कूल नर्रा के कृषि आधारित दो प्रोजेक्ट को टॉप 60 में शामिल किया गया है।
नर्रा की कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत छात्रा परमेश्वरी यादव ने धान के फसलों में लगने वाली किसी भी बीमारी को प्रारम्भिक लक्षणों के आधार पर ही पहचान कर उसके उपचार की दवाइयों का जानकारी प्राप्त करना और वैभव देवांगन और धीरज यादव ने कृषि फसलों के बीच उगे खरपतवारो को पहचान कर निंदाई करने वाले प्रोजेक्ट इस अंतिम 60 में शामिल है। अब द्वितीय चरण के लिए चयनित सभी छात्रों को इंटेल के इंजीनियर प्रशिक्षण देंगे और चयनित छात्रों के आइडियाज को वर्किंग प्रोटोटाइप में ढाला जाएगा तथा उनमें से टॉप 30 प्रोजेक्ट को अंतिम रूप से विजेता घोषित किया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ (A.I.) में देश के केवल सरकारी स्कूलों के छात्रों को नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से रूबरू कराने तथा उनके द्वारा समाज के समस्याओं का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से समाधान ढुंढ़ने के लिए यह कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें देश भर के 52628 छात्रों ने भाग लिया, जिसमे शासकीय कुलदीप निगम हायर सेकंडरी स्कूल नर्रा के छात्रों ने भी भाग लिया और जून 2020 के लॉकडाउन में अपना पंजीयन कराया। पंजीयन के बाद से एटीएल नर्रा के कन्वेनर सुबोध तिवारी और छात्रों ने लगातार अपने प्रोजेक्ट को बेहतरीन बनाने के लिए जुटे रहे।
दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों से 60 स्कूलों के प्रोजेक्ट का चयन किया गया है, छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि पर आधारित दो प्रोजेक्ट का चयन हुआ है। इनके अलावा आंध्रप्रदेश से एक, अरुणाचल प्रदेश से दो, असम से दो, बिहार से दो, चंडीगढ़ से दो, दिल्ली से तीन, गुजरात से एक, हरियाणा से तीन, कर्नाटक से चार, केरल से 13, मध्यप्रदेश से पांच, ओडिशा से चार, पंजाब से चार, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा से एक-एक, उत्तरप्रदेश से तीन, उत्तराखंड से दो और पश्चिम बंगाल से तीन मॉडल का चयन किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक ऐसा अध्ययन है जिसमें ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है, जिससे व्यवहार करने और प्रतिक्रिया देने में मानव से भी बेहतर हो- सुबोध तिवारी एटीएल कन्वेनर नर्रा
प्रोजेक्ट एक नजर में-
जून 2020 में देश के कुल 52628 छात्र पंजीकृत थे। जिसमें प्रथम चरण में 11,466 छात्रों को प्रशिक्षण मिला, साथ ही साथ जुलाई 2020 में पूरे देश के 35 राज्य से 2536 शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया, अगस्त 2020 में 2441 छात्रों से 2704 आइडियास जमा हुए, जनवरी 2021 में द्वितीय चरण के लिए 125 छात्र चयनित हुए, तथा नवम्बर 2021 में द्वितीय चरण का परिणाम घोषित हुआ व तृतीय चरण के लिए 60 प्रोजेक्ट का चयन हुआ। उन 60 प्रॉजेक्ट में छत्तीसगढ़ राज्य से एकमात्र नर्रा स्कूल ने अपनी जगह बनाई।
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