16 नवंबर (वेदांत समाचार)। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या करने के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के मिल्टन कीन्स इलाके में रहने वाले अनिल गिल (47) को रंजीत गिल (43) की हत्या के संदेह में टेम्स वैली पुलिस ने इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया था. अनिल ने ही पुलिस को फोन कर अपने घर पर बुलाया था.
पुलिस अधिकारियों ने जांच में पाया कि रंजीत का शव घर के गैरेज में रजाई और कचरा डालने के बैग में लिपटा पड़ा मिला और शरीर पर चोट के काफी निशान थे. जल्द ही यह स्पष्ट हो गया था कि वह कुछ समय पहले ही मर चुकी थी. पोस्टमॉर्टम जांच में पता चला कि रंजीत की मौत चाकू से कई बार हमला करने के कारण हुई है.
22 साल सलाखों के पीछे रहने के बाद मिलेगी पैरोल
फरवरी में अनिल पर हत्या के मामले को लेकर आरोप तय किए गए थे और शुक्रवार को उसे ल्यूटन क्राउन कोर्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. अनिल को कम से कम 22 साल सलाखों के पीछे रहने के बाद ही पैरोल मिल सकेगी.टेम्स वैली पुलिस के अनुसार पूरे मुकदमे के दौरान अनिल लगातार यह दावा करता रहा कि वह हत्या का दोषी नहीं है. लेकिन अंत में अनिल ने यह स्वीकार किया कि उसने क्रोध में आकर रंजीत पर चाकू से हमला किया और उसकी हत्या कर दी. अनिल ने कहा कि वह रंजीत की हत्या नहीं करना चाहता था.
अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान पता चला कि अनिल ने अपनी पत्नी रंजीत को कम से कम 18 बार चाकू मारा. इसके बाद उसने कई घंटे में हत्या वाली जगह को साफ करने, रंजीत के शव को कचरा डालने के बैग में लपेटने और उसे गैरेज में ले जाने के कार्य को अंजाम दिया. अंत में वह नहाने के बाद सो गया और बाद में पुलिस को फोन किया.
हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के 28 वर्षीय एक व्यक्ति को पत्नी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पति ने पत्नी की ताबड़तोड़ चाकू मारकर हत्या कर दी और उसका शव पास के सड़क के फुटपाथ पर ले जाकर छोड़ दिया. सोमवार को ब्रिटेन की एक अदालत ने पति को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.लीसेस्टरशायर क्राउन कोर्ट को बताया गया कि कशिश अग्रवाल ने इस साल तीन मार्च को मध्य इंग्लैंड के लीसेस्टर में विंटर्सडेल रोड पर स्थित अपने घर पर पत्नी गीतिका गोयल पर चाकू से हमला किया था. उसने पत्नी की हत्या के बाद उसके शव को गीतिका की कार की डिक्की में रखकर लगभग आधा मील की दूरी पर उप्पिंघम क्लोज तक ले जाकर फुटपाथ पर छोड़ दिया और वह वापस घर लौट गया था.
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