अंकिरा(जशपुर) 11 नवंबर (वेदांत समाचार)। हाथियों के दो दल जशपुर और ओडिशा बॉर्डर पर स्थित गांवों के घरों और खेतों में लगी फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। विभाग के अनुसार पिछले एक माह के दौरान उन्होंने सौ एकड़ की फसल रौंद दी वहीं छह ग्रामीणों के घरों को भी नुकसान पहुंचाया है। इससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई। धान की फसल की सुरक्षा करने के लिए उन्हें रतजगा करना पड़ रहा है। बुधवार को हाथियों ने छत्तीसगढ और ओडिशा की सीमा स्थित रायडीही गांव जा रहे युवक को पैरों से कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर इन दिनों हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों को रोजाना नुकसान झेलना पड़ रहा है। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के किजिंरकेला वन परिक्षेत्र में हाथियों का दो दल शांति और गौतमी ने लंबे समय से डेरा जमाएं हुए हैं। दोनों दलों में 25 हाथी शामिल हैं। बीते 24 घंटे के दौरान हाथियों ने एक और युवक पर हमलाकर उसकी जान ले ली।
किजिंरकेला के फारेस्टर सानिका टोप्पो ने बताया कि मृतक संतान नायक मूल रूप से कांकेरजोरा गांव का निवासी था। वह मंगलवार को निजी काम से रायडीही जा रहा था। धान के खेत से गुजरने के दौरान उसका सामना हाथियों के दल से हो गया। इससे पहले की वह वहां से भाग पाता। एक दंतैल ने उस पर हमला कर दिया और सूंड से उठाकर नीचे पटक दिया और फिर पैर से कुचल दिया। इससे संतन नायक की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक के परिजन को दी 40 हजार रुपए सहायता राशि –
वन विभाग ने मृतक के परिजन को 40 हजार की तत्काल सहायता उपलब्ध कराई। शेष 3 लाख 60 हजार रुपए कागजी कार्रवाई के बाद दी जाएगी। फारेस्टर सानिका टोप्पो ने बताया कि एक महीने के दौरान ओडिशा के किंजिंरकेला वन परिक्षेत्र में हाथियों ने फसल और घर को काफी नुकसान पहुंचाया है। तकरीबन सौ एकड़ फसल को रौंदने के साथ 6 घरों को भी ध्वस्त किया है।
किंजिरकेला वन क्षेत्र बना हाथियों का ठिकाना
किंजिरकेला वन परिक्षेत्र झारखंड से आए हाथियों का दल शांति का स्थायी डेरा बन चुका है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से लौटे गौतमी हाथी दल ने भी इसी इलाके के आसपास डेरा जमा रखा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों शांति और गौतमी दल के हाथी साथ- साथ ही इस वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं।
इससे क्षेत्र में लगी फसल को नुकसान पहुंचने का आंकड़ा तेजी से बढ़ गया है। विभाग मौके पर जाकर नुकसान का आंकलनकर मुआवजा प्रकरण बना रहा है। फरसाबहार के रेंजर अभिनव केशरवानी का कहना है कि हाथियों की हलचल पर निगरानी रखने के लिए रेडियो कालर आईडी पहनाने की तैयारी पूरी कर ली है। गौतमी दल के छत्तीसगढ़ लौटते ही कालर आईडी पहनाया जाएगा।
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