दिल्ली 09 नवंबर (वेदांत समाचार)। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस के रोजाना आने वाले मामलों की रफ्तार कमी जरूर हुई है लेकिन पिछले एक हफ्ते में डेंगू के 1,171 नए मामले सामने आए हैं. इस हफ्ते दिल्ली में डेंगू की वजह से 3 लोगों की जान जा चुकी है. इस साल अब तक कुल डेंगू के मामलों की संख्या 2,708 हो गई है. वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने सोमवार को बताया कि कुल मिलाकर 9 लोगों की मौत हो चुकी है. उनमें से 6 बच्चे भी शामिल है.
दरअसल, राजधानी दिल्ली में साल 2017 में अक्टूबर तक डेंगू के 2,022 मामले दर्ज किए गए थे. जहां डेंगू के मच्छर साफ पानी और मलेरिया के गंदे पानी में पनपते हैं. वहीं वेक्टर जनित मरीजों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच सामने आते हैं . लेकिन ज्यादा बारिश होने के कारण ये मालमे दिसंबर तक भी जा सकते हैं. बता दें कि दिल्ली में इस साल 30 अक्टूबर तक मलेरिया के 160 मामले और चिकनगुनिया के 81 मामले सामने आए हैं.
बच्चों में संक्रमण होने की संभावना अधिक- विशेषज्ञ
बता दें कि बीते सोमवार को शहर में स्वस्थ्य आंकड़ो के अनुसार तीन पीड़ितों में से दो 18 से भी कम उम्र के थे. इसमें सौरभ विहार (जैतपुर के पास) की 3 साल की लड़की और दुर्गा विहार (संगम विहार के पास) का एक 12 साल का लड़का शामिल है.
पिछले सप्ताह दर्ज की गई पांच मौतों में से चार बच्चे भी थे. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चों में संक्रमण होने और गंभीर लक्षण होने की संभावना अधिक होती है.
साल 2015 में था डेंगू का जबरदस्त प्रकोप
वहीं, आचार्य भिक्षु अस्पताल के सीनियर डॉक्टर हृदयेश के मुताबिक मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में तेज बुखार होता है और इस दौरान लोगों को COVID-19 का संदेह भी हो सकता है. वहीं, साल 2015 में, शहर में बड़े पैमाने पर डेंगू का प्रकोप देखा गया था, अक्टूबर में ही कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10,600 को पार कर गई थी.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक साल 1996 के बाद से दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारी का सबसे खराब प्रकोप रहा है.
जानिए क्या हैं डेंगू के लक्षण
गौरतलब है कि डेंगू की शुरुआत तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द से होती है. इसके अलावा जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. ऐसे में कई बार भूख भी नहीं लगती है. वहीं 3-7 दिनों के बाद पीडि़त में गंभीर डेंगू के लक्षण आ सकते हैं. जैसे पेट में तेज दर्द, सांस का तेज होना, लगातार उल्टी, उल्टी में खून, पेशाब में खून आदि.
इसके अलावा मसूड़ों और नाक से खून बहना, लिवर में दिक्कत होना, प्लेटलेट काउंट का कम होना, सुस्ती, बेचैनी. अगर ऐसा कुछ होता है तो पीड़ित मरीज को तत्काल डॉ की सलाह लेकर अस्पताल जाना चाहिए.
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