दीपावली पर स्नेक रेस्क्यू टीम की अनोखी पहल, पहाड़ों कोरवा के बीच पहोंच बाटी मिठाई, कपड़े एवं फटाके

कोरबा 5 नवम्बर (वेदांत समाचार) जिले में कई वर्षों से वन्य जीवों के प्रति समर्पित संस्था जो शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए सांपो के साथ अन्य जीवों को बचाने का काम करते हैं, उस संस्था ने दीपावली पर कुछ हट के कार्य किया, कोरबा मुख्यालय से 65 किलामीटर दूर पहाड़ी कोरवाओ जिनको राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के नाम से जाना जाना जाता हैं जो बीहड़ जंगलों में रहते हैं, दुनिया की चखा चौंद से दूर अपनी जीवन यापन करते हैं, इन गरीब परिवारो के बीच स्नेक रेस्क्यू टीम पहुंची तो मानों सब के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई, सरडीह और खोरीभवना गांव पहोंच कर बच्चों, महिलाओं एवम पुरुष सभी के लिए मिठाई, कपड़े, टिफिन और फटाके बाटे, उन परिवारों ने सोचा नहीं था की इस वर्ष इनका दीपावली इस तरह होगा, सभी के चेहरे पर मुस्कान देखते नहीं बन रहा था, बच्चों में एक ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी थी सभी मिठाई और फटाके के साथ यहां वहा उछल कूद करने लगें मनो ढेर सारी खुशियां मिल गई हों, स्नेक रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी ने सभी को बधाई देते हुए अच्छे से रहने एवम मिल बाट कर दीपावली मनाने की बात कहीं साथ ही आगे भी आते रहने की बात कहीं गई, इस कार्यक्रम को सफल करने के लिए बहुत लोगों न हमारा सहयोग किया, किसी न कपड़े दिए, किसी ने मिठाई , किसी ने आर्थिक सहयोग साथ ही सभी ने इस कार्य की प्रशंसा करते हुए आगे भी निरंतर इस दिशा में भी काम करते रहने को कहा, जन हित में इस तरह उत्कृष्ट कार्य होते रहना चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए, एक कार्यक्रम में देवा आशीष जी, राजू बर्मन, सुनील निर्मलकर, कुलदीप राठौर, सुरज, मोंटू, शाहिद, अनुज, राकेश, सुरज, बबलू और सौरव ने अपनी विशेष भूमिका निभाई।

जितेंद्र सारथी ने बताया पहली बार हम लोगों न इस दिशा पर काम किया बहुत ही अच्छा लगा, जीवों की जान बचाने के साथ लोगों की जान बचना तो हम करते ही हैं, बीहड़ जंगलों में रहने वालों के लिए सोचना भी हमारी जिम्मेदारी है, उन तक पहोंच कर हमने कुछ खास नहीं जितना भी सका लोगों के सहयोग से किया पर जीतना किया इनके लिए वो बहुत बड़ी खुशियां हैं।

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