2 नवम्बर ( वेदांत समाचार ) :ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत आने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही परिस्थितियां बेहतर होंगी जॉनसन भारत की यात्रा को प्लान करेंगे. जॉनसन इस साल जनवरी में गणतंत्र दिवस के परेड के मुख्य अतिथि के रूप में भारत आने वाले थे, लेकिन कोविड-19 के कारण उनकी यात्रा रद्द हो गई थी.
ग्लासगो, एक नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां ‘सीओपी-26’ जलवायु शिखर सम्मेलन से इतर अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और रक्षा आदि क्षेत्रों में सहयोग को लेकर विचार-विमर्श किया. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के कारण इस साल दो बार अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी थी. उसके बाद दोनों नेताओं की यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी.
दोनों देशों के मजबूत रणनीतिक संबंधों पर हुई बात
‘सीओपी-26’ में विश्व के नेताओं के सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के तुरंत बाद यह मुलाकात निर्धारित की गई थी. इसमें ब्रिटेन-भारत जलवायु साझेदारी के साथ-साथ दोनों देशों के मजबूत रणनीतिक संबंधों के लिए 2030 के रोडमैप की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बैठक के तुरंत बाद ट्वीट किया, ‘रोडमैप 2030 पर आगे बढ़ते हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्लासगो में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात की. सीओपी-26 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए उन्हें बधाई दी. हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय और स्वच्छ तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर विचार विमर्श किया. अर्थव्यवस्था, रक्षा, ‘पी2पी’ संबंधों आदि पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अपेक्षाकृत संक्षिप्त बातचीत में विचारों के आदान-प्रदान और द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने पर ध्यान केंद्रित किया गया. ब्रिटेन में अलगाववादी खालिस्तानी गतिविधियों पर ध्यान देने के साथ ही सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला जैसे मुद्दे पर भी संभवत: चर्चा हुई.
प्रधानमंत्री स्तरीय वार्ता से पहले ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने कहा, “दोनों सरकारें तय समयसीमा के अंदर रोडमैप के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं. तदनुसार, हम मार्च 2022 में एक अंतरिम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए नवंबर 2021 में बातचीत शुरू करना चाहते हैं और यदि सब कुछ निर्धारित समय के अनुसार होता है तो नवंबर 2022 तक अंततः व्यापक समझौता हो सकता है
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