क्षेत्रीय विकास में बाधा डालने वाली एनजीओ पर प्रतिबंध लगाने हजारों ग्रामीणों ने राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री से किया अनुरोध

रायपुर: । सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील के हजारों ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विकास में अड़चन डालने वाले एनजीओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों ने आज कलेक्टर सरगुजा को एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि छत्तीसगढ बचाओ आंदोलन एवं हसदेव अरण्य संघर्ष समिती जैसे तथाकथित एनजीओ उनके क्षेत्र के सामाजिक सद्भाव को क्षीर्ण करते हुए क्षेत्र के विकास में बाधा डालते है। साथ ही गलत जानकारी देकर इससे संबंधित दुष्प्रचार भी कर रहे है अतः इन दोनों एनजीओ पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।

पत्र में कहा गया है,कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटीत परसा केंते कोयला खदान के विकास और संचालन का कार्य विगत 10 वर्षों से किया जा रहा है। जिससे हजारों स्थानीय युवाओं एवं व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। वहीं स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा कौशल विकास के साथ साथ क्षेत्र की महिलाओं के लिए महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति का संचालन से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो रहा है।

हजारों ग्रामीणो ने पत्र के माध्यम से यह भी अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन एवं हसदेव अरण्य समिती जैसे तथाकथित एनजीओ द्वारा कुछ बाहरी व्यक्तियों को जोड़कर शासन प्रशासन के बिना अनुमति के भीड़ इक्कठा कर रहे हैं। वहीं गांव के लोगों को गलत जानकारी देकर दिग्भ्रमित व जोर जबरदस्ती कर चंदा भी वसूल किया जा रहा है। इसकी वजह से सभी ग्रामों के बीच आपसी सौहाद्र, लोगों के स्वास्थ तथा ग्रामो की संस्कृति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस पत्र की प्रतिलिपी माननीय राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को भी उपल्ब्ध कराकर करवाई की मांग की है।

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