Vedant Samachar

ज़ोहरा जबीं कौन थी… 60 साल बाद पर्दे पर लौटी, अचला सचदेव से रश्मिका मंदाना तक क्या-क्या बदला?

Vedant Samachar
7 Min Read

मुंबई : ईद के मौके पर रिलीज होने जा रही सिकंदर फिल्म के नये गीत ने जोहरा जबीं की याद फिर से ताजा कर दी है. जोहरा जबीं को पहली बार सन् 1965 की फिल्म वक्त में गाया गया था. अब सलमान खान और रश्मिका मंदाना पर इसे फिल्माया गया है. 60 साल बाद भी जोहरा जबीं सदाबहार और इतनी हसीन क्यों है?

ज़ोहरा जबीं सुर्खियों में है. ईद के मौके पर सलमान खान और रश्मिका मंदाना की आने वाली फिल्म सिकंदर का नया गीत रिलीज होते ही ज़ोहरा जबीं एक बार फिर सबकी जुबान पर छा गई है. रश्मिका की ग्लैमरस मुस्कान ने तमाम गीत-संगीत प्रेमियों को फ्लैश बैक में पहुंचा दिया है. आखिर ये ज़ोहरा जबीं कौन थी? क्यों सालों से ज़ोहरा जबीं बेमिसाल हुस्न की मल्लिका के तौर पर मानी जाती हैं. ज़ोहरा जबीं इतिहास में वास्तव में कोई थी या ये कोई ख्याली अहसास भर है या इसका कुछ खास मतलब है? फिल्मी गानों में इसका बार-बार जिक्र क्यों आ जाता है. अब सिकंदर के नये गाने जोहरा जबीं… पर सलमान खान और रश्मिका मंदाना को जिस अंदाज में नाचते-गाते देखा जा रहा है, वह इसे टाइमलेस या कि सदाबहार बनाता है. इस गीत को समीर ने लिखा है और प्रीतम ने संगीत दिया है. यह गीत अपनी कसौटी पर आखिर कितना खरा उतरा है, इसकी चर्चा हम आगे करेंगे.

फिलहाल फ्लैश बैक में चलते हैं. जहां तक मुझे याद आ रहा है- सबसे पहले जोहरा जबीं पर पिक्चराइज किया गया गाना आज से साठ साल पहले की फिल्म में देखने-सुनने को मिला था. वह फिल्म थी- वक्त. यह फिल्म सन् 1965 में रिलीज हुई थी. इसे बी.आर. चोपड़ा ने प्रोड्यूस किया था और यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था. बलराज साहनी और अचला सचदेव पर फिल्माया गया वह गाना आज भी मोस्ट पॉपुलर कटेगरी में आता है. इस गीत को लिखा था- साहिर लुधियानवी ने और संगीत दिया था रवि ने और मन्ना डे ने इसे गाया था. सन् 1965 में आई उस फिल्म के समय अचला सचदेव की उम्र करीब 45 साल की थी तो बलराज साहनी करीब 53 साल के थे. दोनों एक प्रकार से प्रौढ़ अवस्था में थे.

60 साल पहले की वो शोखियां, वो बांकपन


बलराज साहनी और अचला सचदेव के उस गाने की कुछ पंक्तियों पर गौर फरमाते हैं. गीत के बोल हैं- ऐ मेरी ज़ोहरा जबीं/तुझे मालूम नहीं/तू अभी तक है हसीं/और मैं जवां/तुझपे क़ुरबान मेरी जान/मेरी जान… गाने की पंक्तियां जैसे-जैसे आगे बढ़ती है… ऐसा लगता है हम किसी रोमांटिक एपिक के रुहानी लोक में प्रवेश कर रहे हैं. जहां हुस्न की ऐसी शोखियां और बांकपन है… जो अचला सचदेव के सिवा किसी और में नहीं. शान की मूंछों वाले बलराज साहनी अधेड़ उम्र में भी जोश से लबरेज दिखते हैं और उनके आगे अचला सचदेव किसी कमसिन की तरह शरमाती हैं तो उनका चेहरा एकदम से सुर्ख लाल हो जाता है. मधुर हास्य पुट के साथ सौंदर्य अपने शबाब पर नजर आता है. पूरा माहौल टाइमलेस रुमानी अहसासों से भर जाता है.

DDLJ में अमरीश पुरी ने भी गाया जोहरा जबीं..


सदाबहार ग्लैमर से लैस जोहरा जबीं भले ही साठ साल बाद पर्दे पर लौटीं और लोगों को एकबारगी फ्लैश बैक में ले गई… लेकिन बीच-बीच में ये जोहरा जबीं किसी अन्य मौकों पर भी पर्दे पर आती रहीं या कि याद की जाती रही. कभी हास्य के लिए तो कभी रोमांस के लिए. सन् 1995 की ऑल टाइम सुपरहिट फिल्म दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे में अमरीश पुरी को भी पर्दे पर थोड़ी देर के लिए यह गीत गाते हुए देखा गया था. तब अमरीश पुरी के सामने थीं- फरीदा जलाल. इसके बाद अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी की फिल्म हेरा फेरी में भी कॉमेडी अंदाज में जोहरा जबीं के हुस्न को याद किया गया. गीत के बोल कुछ अलग थे- ऐ मेरी जोहराजबीं फुरकते गम मिटा जां.. इश्क में चांद दिखा… जुमेरात है आजा… वगैरह.

सिकंदर की जोहरा जबीं कैसी लगी?


अब जबकि करीब 60 साल के बाद पर्दे फिर से जोहरा जबीं लौटीं हैं तो उसी जज्बात और अहसास के साथ नजर आती हैं. आज की तारीख में सलमान खान की उम्र 59 साल है तो उसके सामने रश्मिका मंदाना महज 28 साल की हैं. उम्र में लंबा गैप है लेकिन गाने के पिक्चराइजेशन में स्टैंडर्ड को साध कर रखा गया है. सलमान उम्रदराज होकर भी रश्मिका की उम्र से तालमेल बिठा लेते हैं और छोटी रश्मिका भी सलमान के साथ बहुत असहज नहीं लगतीं. सलमान के गाने में वैसे भी भोंडापन नहीं होता. यहां भी उसे मेंटेन करके रखा गया है. गाने के ग्रीन बैकड्रॉप में काले रंग की पोशाक में सलमान का सलाम करना जैसे ईद के मौके पर एक नजराना पेश करता है.

क्या है ज़ोहरा जबीं का मतलब?


जानने की कोशिश करते हैं कि क्या वाकई जोहरा जबीं किसी किरदार का नाम है या महज ख्याली अहसास है. क्या जोहरा जबीं भी अनारकली जैसी थी या कि लैला? वैसे इतिहास में जोहरा जबीं नाम से कोई किरदार नहीं मिलता. ज़ोहरा का मतलब होता है- परी यानी वीनस. उसे सौंदर्य की देवी भी कह सकते हैं. उसे सुंदरता और प्रेम का दूसरा रूप माना गया है. और जब ज़ोहरा के साथ जबीं को जोड़ देते हैं तो उसका मतलब होता है हसीन पेशानी वाली हसीना. पेशानी मतलब ललाट जिसे अंग्रेजी में फोरहेड (Forehead) कहते हैं.

यानी जोहरा जबीं का पूरा मतलब हुआ- जिसकी पेशानी में ऐसी चमक हो जिसके दम पर उसका चेहरा एकदम से खिले चांद या कि आकाश के सबसे चमकते पिंड वीनस (Venus) यानी शुक्र की तरह दिखे, जो अपनी आभा से सबको सम्मोहित कर दें. इसे दूसरे अर्थों में सुबह का सबसे चमकीला तारा भी कहते हैं जिसके दीदार करने का नसीब बहुत कम ही लोगों को होता है. उस जोहरा जबीं में आज भी वही शबाब है, सालों बाद भी रहेगा.

Share This Article