कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर नवरात्र पर्व के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया दिशानिर्देश…पढ़े पूरी खबर

0 मूर्ति स्थापना हेतु शहरी क्षेत्र के लिए एस डी एम और ग्रामीण क्षेत्र के लिए तहसीलदार होंगे अधिकृत

जांजगीर चांपा, 1 अक्टूबर (वेदांत समाचार) कोरोना वायरस (कोविड-19) की तीसरी लहर की आशंका के और जनसामान्य के स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जितेन्द्र कुमार शुक्ला द्वारा क्वार नवरात्र पर्व के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना वायरस के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु सभी संबंधित उपाय अमल किया जाना अपरिहार्य है।


जिला दंडाधिकारी द्वारा नवरात्र पर्व के संबंध में जारी आदेश के अनुसार मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 20×20 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए।


पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्गफीट की खुली जगह होनी चाहिए। पंडाल एवं सामने 3000 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नही होना चाहिए। एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
मुख्य मार्ग सडक अथवा गलियों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति नहीं होगी। पंडाल / मंडप के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगायें जायेंगे।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों के नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें।
मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी । मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्कीनिंग आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जायेगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं होगी।
मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी।
मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नही होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये पिकअप, टाटाएस (छोटाहाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रूकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिये स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे।
विसर्जन के दौरान मार्ग में कही भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।
उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो शहरी क्षेत्रों के लिये संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये तहसीलदार कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

क्वार नवरात्र पर्व में मंदिर परिसर पर लगने वाला मेला, मीना बाजार एवं अन्य दुकान प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर प्रबंधक समिति मंदिर परिसर में कोरोना वायरस से सुरक्षा संबंधित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।


उक्त निर्देशों के पालन हेतु जिला दंडाधिकारी ने दर्शनार्थियों की सुविधा एवं कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के संबंध में अनुविभागीय दण्डाधिकारी को अपने क्षेत्र के समस्त मंदिरों के प्रबंधक/समिति के सदस्यों के मध्य बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं ।

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