12 साल की गोल्ड फिश की हुई सर्जरी, 1 घंटे ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उसे अंधी होने से बचाया

आपने कई तरह की दुर्लभ सर्जरी के बारे में पढ़ा और सुना होगा. लेकिन ये सर्जरी किसी इंसान की नहीं, बल्कि एक मछली की हुई है. जी हां, डॉक्टरों ने 12 साल की एक गोल्ड फिश की आंख का सफल ऑपरेशन किया है. डॉटी नाम की इस मछली के बाएं आंख में एक बड़ा-सा ट्यूमर हो गया था. जिससे डॉटी की आंखों की रोशनी जा सकती थी, लेकिन डॉक्टरों ने एक घंटे तक सर्जरी कर मछली की आंख बचा ली. इस ऑपरेशन के लिए खास छोटे-छोटे औजार बनाए गए थे. ये मामला स्कॉटलैंड के ग्लासगो का है.

वेबसाइट डेली रिकॉर्ड्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डॉटी गोल्ड फिश की मालकिन कैरोलिन मैकहघ ग्लासगो की रहने वाली हैं. 35 साल की कैरोलिन पेशे से वेटनरी डॉक्टर हैं. एक दिन उन्होंने देखा कि उनकी पालतू मछली की बाईं आंख लाल हो गई थी. इसके बाद कैरोलिन उसे अपने अस्पताल लेकर गई, जहां चेक अप में पता चला कि डॉटी की बाईं आंख में एक बड़ा-सा ट्यूमर था. अगर सर्जरी कर इसे हटाया नहीं जाता, तो मछली की आंख की रोशनी जा सकती थी.

डॉटी की सिचुएशन को देखते हुए डॉक्टर ने फौरन उसकी सर्जरी का फैसला लिया. इसके बाद ऑपरेशन के लिए मछली के लिए खासकर छोटे-छोटे औजार बनाए गए. फिर डॉटी को एक फिश टैंक में डालकर उसमें बेहोशी का पाउडर मिलाया गया. इसके बाद उसकी सर्जरी शुरू की गई.

डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के दौरान एक सिरिंज की मदद से मछली के गलफरे में पानी दिया जा रहा था, ताकि उसे सांस लेने में परेशानी न हो. ये सर्जरी तकरीबन एक घंटे तक चली. ऑपरेशन कामयाब रहा और डॉटी की आंख से ट्यूमर को निकाल दिया गया. कैरोलिन का कहना है कि सर्जरी के तीन दिन बाद ही डॉटी पूरी तरह से रिकवर कर गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, मछली की ये दुर्लभ सर्जरी ग्लासगो के मैकडोनाल्ड वेट्स में की गई. उसका ऑपरेशन करने वाले वेटनरी डॉक्टर ने बताया कि सर्जी के दौरान डॉटी को बेहोश रखना उनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज था. डॉक्टर के मुताबिक, डॉटी को एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया गया था.

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