0 शासकीय भूखंडों पर माफिया की लगी नजर, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
बिलासपुर। Chhattisgarh High Court News: राज्य निर्माण के बाद से सरकारी व ऐसे निजी जमीन जिसे लेकर भूमिस्वामी बेपरवाह रहे हैं। अतिक्रमणकारियों के अलावा माफिया की नजर लगी रहती है। ऐसी जमीनों को कब्जा कर इसे विवादित बनाना और किसी अन्य से सौदेबाजी कर ऊंची कीमत में बेचने का खेल चल रहा है। शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण का खेल भी वर्षों से चल रहा है। इससे किसानों के साथ ही आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह का एक मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में ग्रामीणों ने दायर की है। धमतरी के 10 ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर शासकीय भूमि को मुक्त कराने की मांग की है।
राजस्व दस्तावेज में शासकीय घास भूमि के नाम से दर्ज भूखंड को राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर सेमरडीह के कुछ प्रभावशाली लोगों ने अपने नाम करा लिया है। राजस्व दस्तावेजों में कूटरचना कर भूमि स्वामी खुद बन गए हैं। शासकीय भूखंड को कब्जाधारियों से मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शिकायत भी की। दस्तावेज भी पेश किया। इसके बाद भी सुनवाई नही हुई। जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह की कार्रवाई ना करने से परेशान ग्रामीण श्यामलाल साहू और अन्य ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई है कि शासकीय भूमि का इस्तेमाल स्थानीय लोग अपने मवेशियों के लिए और अपनी सुविधानुसार कर लेते थे।
शासकीय भूखंड का उपयोग चारागाह व निस्तारी के लिए करते आ रहे हैं। अब निजी व्यक्तियों के हाथ चले जाने पर ग्रामवासियों के निस्तारी का साधन खत्म हो गया है। मवेशियों के लिए चारे की समस्या भी उठ खड़ी हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश पूर्व सुनवाई में दिया था। शासन ने जवाब के लिए समय मांग लिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई अक्टूबर महीने में करने की व्यवस्था दी है।
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