नई दिल्ली : पेट्रोल के दाम आज कई राज्यों में 100 का आकंड़ा पार कर चुके हैं. लोगों की जेब में आग लगी हुई है. वही महंगाई की मार झेल रही आम जनता की उम्मीदें आज लखनऊ में होने जा रही GST काउंसिल की बैठक पर टिकी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने जा रही काउंसिल की 45वीं बैठक में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के दायरे में लाए जाने पर विचार हो सकता है।
लखनऊ में अब से कुछ देर बाद शुरू होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री हिस्सा लेंगे. GST काउंसिल की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिसका असर कारोबारियों से लेकर आम आदमी पर पड़ेगा. बता दें कि जून में केरल हाईकोर्ट ने काउंसिल से आग्रह किया था कि वो पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST के दायरे में लाने पर विचार करें। हाईकोर्ट के आग्रह के बाद GST मंत्री समूह ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
उधर यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया गया, तो केंद्र और राज्य सरकारों को 4.10 लाख करोड़ के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा. कोविड काल में सरकार इतनी बड़ी राशि की भरपाई नहीं कर पाएगी, जिससे विकास कार्य प्रभावित होंगे. विपक्ष इस मुद्दे पर केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहा है. अब ये देखना गौरतबल होगा कि GST को लेकर केंद्र सरकार क्या फैसला लेती है.
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