देशभर में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है. लोग गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाते हैं. इस दौरान हर कोई अपने-अपने घरों में गणेश जी की मनमोहक और अनोखी मूर्ति स्थापित करता है. इन दिनों एक ऐसी ही बप्पा की मूर्ति चर्चा में बनी हुई है. इसे महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कुछ किसानों ने मिलकर बनाया है. यह इको-फ्रेंडली मूर्ति सोयाबीन के दानों से बनाई गई है. इसमें थर्मोकोल का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
गणेश उत्सव में पहले बड़ी-बड़ी मूर्तियां देखने मिलती थीं. कई मूर्तिकार पीओपी का इस्तेमाल कर मूर्ति बनाते थे. लेकिन पानी में विसर्जन के बाद इन मूर्तियों की वजह से जल प्रदूषण की समस्या खड़ी हो जाती थी. इस कारण पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियां बनाने पर जोर दिया जाने लगा. बीते कुछ सालों से कई अनोखी इको-फ्रेंडली मूर्तियां देखने को मिल रही हैं. इस कड़ी में किसानों द्वारा बनाई बप्पा की मूर्ति चर्चा में है.
7 किलो सोयाबनी से बनी मूर्ति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बप्पा की इस अनोखी मूर्ति को बनाने में सात किलो सोयाबीन के दानों का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने के लिए सात किसानों ने एक-एक किलो सोयाबीन जमा किया था. इसे तैयार करने में 16 दिन का समय लगा है.
मूर्ति को बनाने में केवल इतना खर्च आया
रिपोर्ट के मुताबिक, गणेश जी की इको-फ्रेंडली सोयाबीन की मूर्ति को बनाने में करीब 900 रुपए का खर्च आया है. इसमें लगे सोयाबीन की कीमत करीब 400 रुपए थी. वहीं, सोयाबीन के दानों को चिपकाने के लिए सौ रुपए का फेविकोल इस्तेमाल किया गया है. कुल मिलाकर इस मूर्ति को बनाने में नौ सो रुपए खर्च हुए हैं. मूर्ति का वजन लगभग 35 किलो बताया जा रहा है. इसे वासिम के एक गांव में स्थापित किया गया है.
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