चित्रकला के माध्यम से दिया आत्महत्या रोकथाम का संदेश, छात्र-छात्राओं ने जाना तनाव प्रबंधन का गुर

रायपुर 9 सितंबर (वेदांत समाचार)। आत्महत्या रोकथाम दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचकर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधिकारियों ने आत्महत्या रोकथाम विषय पर जानकारी दी । साथ ही छात्र-छात्राओं ने चित्रकला के माध्यम से जीवन लीला समाप्त करने रोकथाम का संदेश भी दिया । इस अवसर पर बेस्ट पेंटिंग बनाने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया ।

स्पर्श क्लीनिक के मनोचिकित्सक डॉ.अविनाश शुक्ला ने बताया, ‘’जिले में 6 से 11 सितम्बर तक आत्महत्या रोकथाम सप्ताह मनाया जा रहा है । इस दौरान लोगों के बीच जाकर उन्हें जीवन समाप्त करने के पूर्व मनोरोगी द्वारा दिए जाने वाले संकेतों और उसकी पहचान करने के बारे में जागरूक किया जा रहा है।डॉ. शुक्ला कहते हैं, जीवन समाप्त करने के विचार धीरे धीरे पनपते हैं और जब व्यक्ति चारों ओर से अपने पास नकारात्मक ऊर्जा पाता है तो वह अपना जीवन समाप्त करने जैसा कदम उठाता है। समय रहते अगर हम उसकी मानसिक स्थिति का अवलोकन कर लें तो ऐसे मनोरोगियों को बचाया जा सकता है, इस तरह के रोगी एकांत प्रिय होने लगते हैं, भूख कम लगना, सामान्य से प्रश्न का असामान्य सा उत्तर देना, समाज में किए जाने वाले व्यवहार के प्रतिकूल व्यवहार करना,  शांत और गुमसुम रहना,  इनकी पहचान होती है।‘’

स्पर्श क्लिनिक में कराएं उपचार

इस तरह के व्यक्ति अपने सबसे खास दोस्त के साथ जानकारी शेयर करता है। हमे ऐसे व्यक्ति का हमराज़ भी बनना चाहिए जिससे वह आपस में जानकारी साझा कर सके। जानकारी को समझ कर तुरंत उसे मनोचिकित्सक से परामर्श के लिए लेकर जाना चाहिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिला स्तर पर जिला चिकित्सालय पंडरी में स्पर्श क्लीनिक भी स्थापित किया गया है। स्पर्श क्लीनिक में रोगी की पहचान गोपनीय रखी जाती है। उसका नियमित रूप से इलाज भी किया जाता है। समय-समय पर परामर्श के लिए बुलाया जाता है,उससे खुलकर बातचीत की जाती है, उसकी समस्याओं का निराकरण करने की पहल की जाती है। स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से निशुल्क दवाइयां भी दी जाती है।अगर आपके बीच इस तरह का कोई व्यक्ति  है तो उसे तुरंत स्पर्श क्लीनिक तक पहुंचाने में मदद करें। इस प्रकार की सावधानी से बच सकती है अनमोल जान । ‘’

विद्यार्थियों में भी हो सकता है तनाव

छात्र जीवन में कोई भी छात्र ऐसा नहीं है जिसे संघर्ष ना करना पड़ता हो यह संघर्ष मानसिक तनाव भी उत्पन्न करता है। छात्रों को चाहिए कि वह ज्यादा तनाव न ले अत्यधिक तनाव छात्र जीवन में गलत होता है। प्रयास निरंतर करना चाहिए किन्तु बिना तनाव लिए । कई छात्र तनाव की नाव में सवार होकर गलत निर्णय भी ले लेते हैं।  जिसको रोकना होगा, शिक्षक अभिभावक और पालक को भी अपने बच्चे की क्षमता के अनुरूप ही भार देना होगा। छात्र जीवन में मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी ज़रूरी है। डॉ अविनाश ने विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों के सेवन के दुष्परिणाम से अवगत करा बच्चों को नशीले पदार्थों का त्याग कर “नशा मुक्त जीवन, स्वस्थ जीवन” का भी संदेश दिया।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला नोडल अधिकारी डॉ.सृष्टि यदु ने बताया, “विद्यालय में आयोजित किए गए चित्रकला बनाने की प्रतियोगिता में ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों द्वारा बनाए गए चित्रों में मीना निषाद को प्रथम, मानसी वर्मा को द्वितीय और नेहा शुक्ला को तृतीय स्थान मिला, वहीं नवी और दसवीं के छात्रों द्वारा बनाए गए चित्रों में ललिता करवार को प्रथम, रामकृष्ण पांडेय को द्वितीय और गीता सेन को तृतीय स्थान मिला , पुरस्कार वितरण कर उन्हे पुरस्कृत भी किया गया ।“

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