चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों की कॉलेजियम ने देश के 12 उच्च न्यायालयों में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए 68 नामों की सिफारिश की है. इसमें इलाहाबाद, राजस्थान और कलकत्ता हाई कोर्ट भी शामिल हैं, जो जजों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. इन उच्च न्यायालयों के अलावा झारखंड, जम्मू-कश्मीर, मद्रास, मध्य प्रदेश कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़ और असम हाई कोर्ट के लिए भी जजों के नाम की सिफारिश की गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 25 अगस्त से 1 सितंबर के बीच हुई बैठकों के दौरान कॉलेजियम ने बार से 82 और न्यायिक सेवाओं से 31 सहित कुल 112 नामों पर विचार किया था. 12 हाई कोर्ट के लिए जिन 68 नामों को मंजूरी दी गई, उनमें 68 बार से और 24 न्यायिक सेवाओं से हैं. इन नामों में 10 महिलाएं भी शामिल हैं, जिनकी पदोन्नति की सिफारिश की गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, कॉलेजियम ने अनुसूचित जनजाति से आने वाली एक महिला न्यायिक अधिकारी मार्ली वानकुंग के नाम को भी गुवाहाटी हाई कोर्ट के लिए सिफारिश की है. वह मिजोरम से पहली हाई कोर्ट की जज होंगी. कॉलेजियम ने 16 उम्मीदवारों के बारे में और अधिक जानकारी की मांग की है, जिनके नामों पर मीटिंग में विचार किया गया था.
25 हाई कोर्ट में 454 जजों के पद खाली
जुलाई महीने में संसद में पेश सरकार के आंकड़े बताते हैं कि देश के 25 हाई कोर्ट में 454 जजों के पद खाली हैं. जबकि कुल जजों की स्वीकृत संख्या 1,098 हैं. बीते सालों में हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया भी धीमी हुई है. 2018 में देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में 108, 2019 में 81 और 2020 में सिर्फ 66 जजों की नियुक्ति हुई. सभी हाई कोर्ट में अभी 644 जज कार्यरत है, जिनमें 567 पुरुष और 77 महिला जज हैं.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा इलाहाबाद हाई कोर्ट में 66 जजों के पद खाली हैं, जबकि पिछले साल सिर्फ 4 जजों की नियुक्ति हुई. इसके अलावा कलकत्ता हाई कोर्ट में 41, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में 39, पटना हाई कोर्ट में 34, बॉम्बे हाई कोर्ट में 31, दिल्ली हाई कोर्ट में 30, तेलंगाना हाई कोर्ट में 28, राजस्थान हाई कोर्ट में 27, मध्य प्रदेश और गुजरात हाई कोर्ट में 24-24 जजों के पद खाली हैं.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों ने ली शपथ
मौजूदा सिफारिशें 17 अगस्त को तेलंगाना हाई कोर्ट के जज के रूप में 7 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद की गई हैं. कॉलेजियम में चीफ जस्टिस एन वी रमणा के अलावा जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस ए एम खानविलकर शामिल हैं. इसी दिन 5 सदस्यों वाली कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति के लिए 9 नामों की सिफारिश की थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में इन नामों को मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद 31 अगस्त को सीजेआई एन वी रमणा ने तीन महिला जज सहित 9 नए जजों को पद की शपथ दिलाई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 33 हो गई, जबकि पदों की स्वीकृत संख्या 34 है. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार एक साथ 9 जजों ने शपथ ली थी.
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