पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के सीएम पद का विवाद भले ही कांग्रेस हाईकमान ने सुलझा दिया हो, लेकिन प्रदेश में अभी ये विवाद कम होता नहीं दिख रहा है। इसे लेकर BJP कांग्रेस में सियासी बयानबाजी भी जारी है। अब मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस मसले पर कहा- छत्तीसगढ़ न डोल रहा, न अड़ा हुआ है, बल्कि छत्तीसगढ़ चल रहा है। सभी लोग बढ़िया काम कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी के चिंतिन शिविर को लेकर भी हमला बोला है। टेकाम ने कहा है कि जब 15 साल तक जनता की चिंता करनी थी, तब तो किया नहीं। अब उनके सपने कभी पूरे नहीं होंगे।
मंत्री प्रेमसाय ने शुक्रवार को मरवाही विधायक डॉ. केके ध्रुव के घर पहुंचकर उनके बड़े बेटे इंजीनियर प्रवीण ध्रुव के निधन पर शोक जताया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और मीडिया से चर्चा में ये बयान दिया है।
मंत्री टेकाम ने मरवाही में कम संख्या में विधायकों के पहुंचने पर कहा- सभी लोग अपनी सुविधा के हिसाब से आ रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने राज्य में स्कूल खोलने पर कहा कि काफी समय से स्कूल बंद थे और ऑनलाईन पढ़ाई कुछ बच्चे पढ़ भी रहे थे, कुछ नहीं भी पढ़ रहे थे। अब ऑफलाइन पढ़ाई होगी तो बच्चे अच्छे से पढ़ सकेंगे।
18 विधायकों के साथ मरवाही पहुंचे थे सीएम, कल सिंहदेव आएंगे
गुरुवार को सीएम भूपेश बघेल करीब 18 विधायकों के साथ मरवाही विधायक ध्रुव के घर पहुंचे थे। यहां पता चला है कि फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के एक बंद कमरे में सीएम और विधायकों की बीच चर्चा भी हुई थी। हालांकि, अंदर क्या चर्चा हुई थी, इसके बारे में किसी भी विधायक ने कोई बयान नहीं दिया था। प्रदेश के सियासी गलियारों में सीएम के एक साथ 18 विधायकों के साथ पहुंचने को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया था। इधर, जानकारी के मुताबिक मंत्री टीएस सिंहदेव भी शनिवार को हेलिकॉप्टर से मरवाही जाएंगे।
क्यों कम नहीं हो रहा विवाद?
कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीएम भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव और प्रदेश प्रभारी पी.एल पुनिया से दिल्ली में चर्चा की। उस दौरान प्रदेश के करीब 50 से ज्यादा विधायक दिल्ली पहुंच गए। शाम तक हुई बैठक के बाद ये खबर आई कि ढाई-ढाई साल के मुद्दे पर राहुल गांधी से कोई चर्चा नहीं हुई। ये भी तय हुआ कि भूपेश बघेल ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसके बाद अगले दिन बघेल विधायकों के साथ रायपुर लौट आए। रायपुर में सीएम का भव्य स्वागत किया गया।
इसी शाम सिंहदेव भी दिल्ली से लौटे और उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बात हाईकमान के सामने रखी है। वे हाईकमान के फैसले का इंतजार करेंगे। अगले ही दिन उनका एक और बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा- ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला पार्टी के अंदर की बात थी। इस मुद्दे पर हाईकमान ने सभी पक्षकारों से बात की है। जल्द इस पर कोई फैसला आएगा। इसी बयान के बाद से ये माना जा रहा है कि हाईकमान ने भले ही दिल्ली में इस विवाद को सुलझाया हो पर राज्य में अब अगले कुछ और दिनों तक इस विवाद पर चर्चा जारी रहेगी।
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