कोरबा/कटघोरा 1 सितम्बर (वेदांत समाचार)। लाखों के अपने लंबित भुगतान को लेकर कटघोरा वनमंडलाधिकारी के अड़ियल रवैये एवं लालफीताशाही से त्रस्त ठेकेदार द्वारा बीते दिनों वनमंडल कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास की घटना की गूंज उर्जाधानी से लेकर राजधानी तक गूंजने और अपनी डगमगाती कुर्सी को बचाने के प्रयास में डीएफओ श्रीमती शमा फारुखी द्वारा अपने सिर का ठीकरा प्रभारी रेंजर पर फोड़ने तथा आनन- फानन में सीसीएफ कार्यालय अटैच करने की औपचारिकता निभाते हुए दहकते मामले को ठंडा करने का काम किया गया।
ज्ञात हो कि कटघोरा निवासी ठेकेदार अभय गर्ग द्वारा लगभग ढाई वर्ष पहले गत 2019 में जटगा वनपरिक्षेत्र के केशलपुर में तालाब व सोढ़ी नाला पार्ट- 2 में स्टापडेम का निर्माण कराया गया था। जिसका लाखों का भुगतान लंबित है। उक्त ठेकेदार द्वारा अपने राशि भुगतान की मांग को लेकर डीएफओ श्रीमती शमा फारुखी का चक्कर दर चक्कर काटने व अनेकों जनप्रतिनिधि के सामने गिड़गिड़ाते हुए थक जाने पश्चात आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता बचा नही था। और बीते 26 अगस्त को ठेकेदार ने वनमंडल कार्यालय के सामने अपने शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगाने का प्रयास तब किया जब डीएफओ अपने कक्ष से निकलकर बाहर आ रही थी। नजारा देख डीएफओ के हाथ- पांव फूल गए और वे फौरन अपने कक्ष की ओर वापस लौटी तथा घटनाक्रम की सूचना पुलिस को दी। जहां पुलिस ने फौरन मौके पर पहुँचकर ठेकेदार को आत्मदाह करने से ठीक पहले ही रोक लिया। इस बीच जमकर तमाशा हुआ। घटनाक्रम से भयभीत डीएफओ ने ठेकेदार को अपने केबिन में चर्चा के लिए बुलाया व जल्द भुगतान करा देने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सब सामान्य तो हो गया लेकिन इस घटना की गूंज चंद घँटे बाद ही खबरों की सुर्खियां बनकर उर्जाधानी से लेकर राजधानी तक गूंजने लगी। और तब डीएफओ श्रीमती फारुखी की कुर्सी डगमगाने लगी। तब उन्होंने अपनी कुर्सी बचाने जटगा वनपरिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर (डिप्टी रेंजर) सत्तुलाल जायसवाल को इस घटनाक्रम के जिम्मेदार करार देते हुए बलि का बकरा बनाया और अपने सिर का ठीकरा प्रभारी रेंजर पर फोड़ते हुए आनन- फानन में उन्हें शोकाज नोटिस जारी किया गया, तो वही दूसरी ओर मुख्य वन संरक्षक द्वारा बिलासपुर वन वृत कार्यालय अटैच करने की कार्यवाही कर गरमाए हुए मामले को शांत करने का जो प्रयास किया गया वह लोगों की दबी जुबान में जमकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
छोटे कर्मचारियों पर त्वरित कार्यवाही, भ्रष्ट्र अधिकारी पर मेहरबानियां
बेलगाम डीएफओ श्रीमती शमा फारुखी के अनेकों भ्रष्ट्राचारित कार्यों से राज्य भर में चर्चित कटघोरा वनमंडल गड़बड़झालों और विधानसभा में गलत जानकारी देने के लिए एक अलग पहचान बना चुका है। जहां बैठे अधिकारी- कर्मचारियों ने शासन को लाखों का नही बल्कि करोड़ों का चूना लगाया है। श्रीमती फारुखी के यहां डीएफओ की कुर्सी पर बैठने के बाद ही सरकार के धन का जमकर दुरुपयोग और बंदरबांट हुआ है। और अधिकतर कार्य धरातल के बजाय कागजों में कराकर जनता के पैसे पर जमकर डांका डाला गया। यही नही डीएफओ के भ्रष्ट्र कार्यशैली का फायदा उठाकर विभाग में काम करने वाले ऑपरेटर और बाबू ने भी अपनी तरकीब से जमकर धन कमाया। श्रीमती फारुखी के कटघोरा वनमंडल में आने के बाद निर्माण कार्यो की आड़ में करोड़ों के भ्रष्ट्राचार की जो इबादत रची गई वह जग जाहिर है। किंतु भ्रष्ट्र पर भ्रष्ट्र कार्यों के बाद भी कायम मेहरबानियां डीएफओ के हौसले को आसमान की बुलंदियों तक पहुँचाने के साथ शासन की छवि को धूमिल करता जा रहा है। सोचनीय है कि कर्तव्य में लापरवाही एवं दायित्व की अवहेलना को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत कटघोरा वनमंडल के कई अधिकारी- कर्मचारी निपटा दिए गए, लेकिन जब भी बात डीएफओ श्रीमती फारुखी पर आई तो सारे नियम- कानून बदल जाते रहे। यही कारण है कि शासन का अपने इस अधिकारी पर किसी प्रकार का नियंत्रण नही रहने के कारण कटघोरा वनमंडल प्रदेश भर में चर्चित हो चला है, जो कुशासन व्यवस्था को उजागर करता है।
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