राष्ट्रीय खेल दिवस पर आईपीएस दीपका में हुआ विविध खेलों का आयोजन

0 खो-खो से होता है बच्चों में सामाजिक कौशल का विकास-(डॉ. संजय गुप्ता)

कोरबा 28 अगस्त (वेदांत समाचार) हमारे देश भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को मनाने का कारण यह है कि इस दिन हमारे देश के दिग्गज हॉकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन आता है।मेजर ध्यानचंद ने हमारे देश का नाम खेल में अपने उत्तम प्रदर्शन द्वारा बहुत ऊँचा किया।इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है।
हर बच्चे में कुछ ना कुछ प्रतिभा और गुण होते हैं।उन प्रतिभाओं और गुणों को बाहर लाने और दुनिया के सामने प्रस्तुत करना स्कूलों या संस्थानों का मौलिक कर्तव्य है।वास्तव में बच्चों के जीवन में खेल एवं प्रतियोगिताओं से अनेक लाभ हैं।इससे इनका विकास स्वस्थ तरीके से होता है।एक्टिव बच्चों में संज्ञानात्मक कौशल का विकास तीव्रता से होता है।निष्क्रिय बच्चों की तुलना में वे अच्छी तरह से ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं और अपने मष्तिष्क का उपयोग भी अधिक अच्छी तरह से कर पाते हैं।यह एक अति विशेष कारण है।अतः हमें अपने बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

बच्चों में सामाजिक कौशलों एवं टीम भावना एवं सामूहिक कार्यों की भावना को प्रतिस्थापित करने के लिए दीपका स्थित आई0पी0एस0 निरंतर प्रयासरत है।इसी कड़ी में दीपका राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय प्रांगण में बच्चों के लिए विविध खेलों का आयोजन किया गया।माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए थ्रो बॉल तो वहीं सीनियर बच्चों के लिए खो-खो; फुटबॉल, ताइक्वांडो का आयोजन किया गया।बच्चों ने सभी खेलों में उत्साह के साथ भाग लिया एवं अच्छी टीम भावना का प्रदर्शन किया। तथा विजेता टीम को पुरस्कृत किया गया।

           

क्रीड़ा शिक्षक श्री अजीत कुमार पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय खेल दिवस पर विद्यालय में आयोजित विविध खेलों के माध्यम से बच्चों ने मेजर ध्यानचंद के बारे में एवं उनके खेल से संबंधित परिचय प्राप्त किया साथ ही सामूहिक खेलों से बच्चो यह सीखते हैं कि किस प्रकार हम समूह में होकर अपनी टीम की जीत में योगदान दे सकते हैं। इसके साथ ही यह दिन मनाने के पीछे उद्देश्य यह भी है कि हम विद्यार्थियों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित कर पाएँ और उनके अंदर ये भावना उत्पन्न कर पाएँ कि वे अपने खेल के उम्दा प्रदर्शन के द्वारा खुद की तरक्की तो कर ही सकते हैं साथ ही साथ उदके अच्छे खेल प्रदर्शन से देश का नाम भी वे ऊँचा करेंगे और राष्ट्रीय गौरव बढ़ाएँंगे।

इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि बच्चों में सामाजिक कौशल का विकास करना शिक्षण संस्थान का उद्देश्य है और अन्य बच्चों के साथ खेलने से उनमें टीम भावना के साथ सामाजिक भावना का भी विकास होता है।मेजर ध्यानचंद के बारे में बच्चों को बताते हुए डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि मेजर ध्यानचंद ना केवल भारत के श्रेष्ठ खिलाड़ी थे वरन सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किये हैं।हम सभी उनका जन्मोत्सव विश्व खेल दिवस के रुप में मनाते हैं। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी खेल के महत्व को समझें तथा भविष्य में वे चाहें तो इस दिशा में परिश्रम कर अपना भविष्य बना सकते हैं ताकि आने वाले समय में हमारे देश को एक अच्छा खिलाड़ी मिल सके।यह दिवस हमें खिलाड़ियों के अनुशासन,संघर्ष और सफलता के बारे में जानकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है।

           
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