छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बने रहेंगे या उनकी जगह कोई और CM बनेगा, इसे लेकर सस्पेंस जल्दी ही खत्म होने वाला है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के साथ भूपेश बघेल और पीएल पुनिया की मीटिंग 4 घंटे बाद खत्म हो गई है, लेकिन दोनों नेता अभी भी बंगले के अंदर ही हैं। उधर प्रियंका गांधी फिर से राहुल के निवास लौट आई हैं। वे मीटिंग से डेढ़ घंटे पहले निकली थीं। हो सकता है कि वे भई दोनों नेताओं से फिर कोई बात करें। छत्तीसगढ़ से कई नेता अब राहुल के निवास के सामने जमा होने लगे हैं।
इधर छत्तीसगढ़ से दिल्ली जाने वाले कांग्रेस नेताओं का तांता लगा हुआ है। आज यहां से 7 शहरों के मेयर और 6 जिलाध्यक्ष निकले। यह सिलसिला कल भी जारी रहेगा। राज्य के आधे से ज्यादा कांग्रेस विधायक दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में रुके हुए हैं। राहुल से मुलाकात से पहले सीएम बघेल ने कहा था- सरकार सुरक्षित है। हमारे साथ 70 विधायक हैं।
पार्टी विधायक बसों से प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के घर पहुंच गए थे। यहां सभी ने लंच किया। यहां भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव पीएल पुनिया के पैरों में गिर पड़े। उन्होंने जमीन पर बैठकर ही अपनी बात कही। पुनिया के यहां से सभी विधायक कांग्रेस मुख्यालय जाएंगे। उधर मुख्यमंत्री पद के दावेदार टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ सदन चले गए हैं। उन्होंने कहा है कि जब उन्हें राहुल या AICC के किसी पदाधिकारी का बुलावा आएगा तो वे जाएंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा- “कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल ने मुझे बुलाया है, इसलिए दिल्ली जा रहा हूं। वहां राहुल गांधी से भी मुलाकात होगी।” वहीं, विधायकों के दिल्ली जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद से विधायक दिल्ली नहीं गए थे, इसलिए अब जा रहे हैं। कुछ को बुलाया गया होगा, तो कुछ बिन बुलाए जा रहे हैं। अपने नेता से मिलने जाने में कोई बुराई तो नहीं है, कोई भी जा सकता है।
पार्टी के सीनियर लीडर और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा था कि टीम का हर व्यक्ति कप्तान बनना चाहता है, इस बयान पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, “उनकी व्यक्तिगत बातों पर मैं कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं।”
सोनिया ने किसी से नहीं की मुलाकात
यह माना जा रहा था, कि सोनिया गांधी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री मामले में CM बघेल, टीएस सिंहदेव से मुलाकात कर सकती हैं। एक खबर यह भी आई थी कि सोनिया छत्तीसगढ़ से जाने वाले विधायकों से भी मिल सकती हैं, लेकिन शाम 5 बजे तक किसी की भी मुलाकात उनसे नहीं हो सकी। विधायक सिर्फ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से ही मिल सके।
बढ़ती जा रही खींचतान
कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनी तब तय हुआ था कि ढाई-ढाई साल के लिए दो मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। अब इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ सरकार की सत्ता के दो केंद्रों के बीच खींचतान चरम पर है। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
उनकी एक और बैठक होनी थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी उनकी मुलाकात होनी थी, लेकिन बुधवार को यह नहीं हो पाई। बघेल रायपुर लौट आए थे। रायपुर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री के समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन किया था। उधर, टीएस सिंहदेव भी प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के कहने पर दिल्ली में ही रुक गए थे।
राजनीतिक घटनाक्रम गुरुवार को अचानक तेजी से बदला। दोपहर से मंत्रियों-विधायकों के दिल्ली जाने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर में मंत्री शिव डहरिया, अनिला भेंडिया, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय पहुंचे तो शाम को मंत्री अमरजीत भगत की आमद हुई।
इसके बाद करीब 30 विधायक भी दिल्ली पहुंच गए। इनमें बृहस्पत सिंह, देवेंद्र यादव, कुलदीप जुनेजा, शिशुपाल शोरी, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विनय भगत, प्रकाश नायक, किश्मत लाल नंद, द्वारिकाधीश यादव, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, गुरुदयाल बंजारे, पुरुषोत्तम कंवर, कुंवर निषाद, चिंतामणि महाराज, भुनेश्वर बघेल, आशीष छाबड़ा, लक्ष्मी ध्रुव, रश्मि सिंह और शकुन्तला साहू शामिल हैं। दिल्ली में अमरजीत भगत ने इन विधायकों का स्वागत किया। बताया जा रहा है, रात में सभी लोग पीएल पुनिया के आवास पर गए थे।
कुछ विधायक सुबह निकले
मंत्री कवासी लखमा, विधायक रेखचंद जैन, राजमन बेंजामिन और चंदन कश्यप शुक्रवार सुबह दिल्ली गए हैं। दुर्ग विधायक अरुण वोरा भी सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वोरा दिवंगत नेता और लंबे समय तक कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा के पुत्र हैं।
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