भारतीय मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश की तलहटी, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश के साथ हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है. पूर्वोत्तर भारत, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, शेष उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड, केरल और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. तेलंगाना, ओडिशा, गुजरात के कुछ हिस्सों, महाराष्ट्र और कर्नाटक में हल्की बारिश संभव है. वहीं, पिछले 24 घंटों के दौरान, मेघालय, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, असम, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, और केरल के कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुई है. अधिक वर्षा वाले टॉप शहरों की सूची में सबसे ऊपर रहा मेघालय का चेरापूंजी जहां 198 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गई.
धान के किसानों के लिए अच्छी खबर
एग्रीकल्चर वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश धान की फसल के लिए सोने के बराबर है. बारिश से फसलों में बीमारी का खतरा कम होगा, साथ ही फुटाव अच्छा होगा.यह बारिश धान में एक पानी देने के बराबर है, इससे किसान का खर्च भी कम होगा.
क्रिसिल रिसर्च ने हाल ही एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसमें बताया गया था कि बारिश के असामान्य वितरण के कारण किसान तिलहनी फसल, मूंगफली और सोयाबीन की बजाय धान और मक्का की खेती की तरफ चले गए हैं.
भारत में खरीफ फसलों की खेती अभी भी मॉनसूनी बारिश पर ही निर्भर है. अगर वर्षा में कमी आती है तो उसका असर खेती पर भी देखने को मिलता है.
अब आगे कितनी होगी बारिश
मौसम की जानकारी देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जून और जुलाई में LPA की 110% और 93% बारिश हुई. अभी के हालात के मद्देनजर स्काईमेट ने मानसून के पूर्वानुमान में बदलाव कर इसे LPA का 94% कर दिया है.
अगस्त में LPA (258.2 MM) के मुकाबले 80 फीसदी बारिश हो सकती है. इस महीने 80 फीसदी संभावना कम बारिश की है, जबकि 20 फीसदी संभावना सामान्य बारिश की है.
सितंबर में LPA (170.2 MM) के मुकाबले 100 फीसदी बारिश हो सकती है. इस महीने 60 फीसदी संभावना सामान्य बारिश की है, 20 फीसदी संभावना सामान्य से ज्यादा बारिश की है और 20 फीसदी संभावना सामान्य से कम बारिश की है.
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