जशपुर नगर, । जशपुर जिले का फरसाबहार तहसील के अंतिम छोर पर छत्तीसगढ़ और ओडिसा की अन्तर्राज्यी सीमा के नजदीक स्थित एक छोटे से गांव परूवाआरा में रविवार को भाई बहन के अटूट प्रेम का पवित्र त्योहार रक्षा बंधन के दिन भाव विहल कर देने वाला दृश्य देखने को मिलता है। इस गांव की बहने,अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने से पहले,जिला पुलिस बल के शहीद जवान बसील टोप्पो की प्रतिमा की कलाई पर राखी बांधती हैं।
शहीद बसील पर स्नेह की बारिश करने के लिए गांव भर की बहन तैयार हो कर,पूजा की थाली लेकर प्रतिमा के पास पहुँचती हैं,फिर माथे पर तिलक लगा,आरती उतार कर राखी बांधती है। पेरुवां आरा निवासी,निर्मल टोप्पो और सफियामा टोप्पो के इकलौते बेटे थे।
अगस्त 2011 में 15 दिन की छुट्टी बिताने के बाद,बसील बीजापुर में ज्वाइनिंग देने के बाद,अपने 11 साथियों के साथ एक ट्रैक्टर में सवार को कर भद्रकाली कैंप में राशन पहुचाने जा रहे थे। इसी दौरान,दीपाली गांव के समीप जंगल मे घात लगाए नक्सलिया ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर,जवानों पर अंधाधुंध फायरिग कर दी थी ।
इस हमले में बसील सहित 3 जवान शहीद हुए थे। अपने इकलौते बेटे की शहादत से व्यथित मां सफियामा ने पति निर्मल टोप्पो से बेटे की प्रतिमा बनाने की इच्छा जताई। मा की ममता और पत्नी की इच्छा का सम्मान करते हुए
निर्मल टोप्पो ने ओडिसा से कारीगर बुला कर,घर के बगल में बेटे की प्रतिमा का निर्माण कराया है।
इस प्रतिमा का सफियामा रोज किसी बच्चे की तरह नहला धुला कर साफ करती है। मां की इस ममता के साथ ही पूरे गांव की बहने भी बीते 10 साल से बसील पर स्नेह की बारिश कर,जता दिया है कि नक्सली और आतंकियों की गोलियां हमारे वीर भाइयों को हमसे दूर नहीं कर सकते हैं।
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