31 फीसदी लोगों का सिर्फ एक गलती से नहीं बनता Driving License, टेस्ट के दौरान आप रखें ध्यान

नई दिल्ली. ड्राइविंग लाइसेंस (Driving licence) बनाने के दाैरान हमें आरटीओ (RTO)में वाहन चलाकर दिखाना हाेता है वह भी आरटीओ के मापदंडाे के साथ. इस टेस्ट में पास हाेने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है. टेस्ट के लिए कई लाेग वाहन चलाते समय यू ताे सारी सावधानियां बरतते है लेकिन एक गलती है जिसके चलते वाे टेस्ट में फेल हाे जाते है और उनका ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाता. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) की एक रिपाेर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.


वहीं हाल में ही सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए नए नियम (New Rules for DL)लागू किया है, इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए सरकार जहा एक और ऑनलाइन एप्लीकेशन के साथ साथ राज्यों में RTO की संख्या बढ़ा रही है. वही दूसरी और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए टेस्ट में कई और पैरामीटर भी जोड़ रही है. ताे क्या है वह गलती और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देते समय किन बाताें का ध्यान रखना चाहिए आइए जानते है.


इस वजह से हाेते है फेल – सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा देशभर के आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किए जाने टेस्ट की रिपाेर्ट फेल हाेने के मुख्य कारण का पता करवाया ताे जानकारी सामने आई कि चार पहिया वाहनाें के टेस्टिंग के दाैरान 31 प्रतिशत लाेग वाहन काे रिवर्स करने में गलती करते है. यानि कि वे सामने चलाने के साथ दाए बाए ताे वाहन काे माेड़ लेते है लेकिन जब बात वाहन काे रिवर्स करने की आती है ताे उसमें गलती कर बैठते है और ऐसा करने वालाें का प्रतिशत 31 हैं.

कैसे होंगे नए नियम – अभी कुछ दिन पहले सदन में नए नियमों और पासिंग प्रतिशत पर एक लिखित जवाब के जरिये केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि ‘ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदक को कम से कम 69 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है, इसके बाद ही वो आगे के टेस्ट के लिए क्वालीफाई होगा. साथ में आवेदक के पास कुछ स्पेशल स्किल जैसे की लिमिटेड दूरी में गाडी को दाये-बाये रिवर्स करना और सही से चलाना अनिवार्य होगा”. टेस्ट में रिवर्स के दौरान आवेदन की एक्यूरेसी पर खास ध्यान देने को कहा गया है.

ऐसा होगा नया टेस्ट – आवेदक को टेस्ट देने के लिए अप्वाइंटमेंट के दौरान मात्र एक ही वीडियो लिंक उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमे ड्राइविंग टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी होगी. इसके अलावा ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर LED स्क्रीन के माध्यम से टेस्ट का डेमो आवेदक को दिखाया जाएगा.

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