कुसमुण्डा SECL सुरक्षा कर्मी पर प्राणघातक हमला करने वाला आरोपी चंद घण्टे में गिरफ्तार

कोरबा 20 अगस्त (वेदांत समाचार) बीते गुरुवार को जिले की कुसमुण्डा खदान में केबल चोरी करने घुसे चोर ने सुरक्षा प्रभारी अमरेश मिश्रा को पत्थर मारकर घायल कर दिया था, इस घटना की सूचना कुसमुण्डा पुलिस को हालांकि देर से दी गयी परन्तु सूचना मिलते ही कुसमुण्डा थाना प्रभारी लीलाधर राठौर ने आरोपीयों की पतासाजी में टीम गठित की और 24 घण्टे के भीतर नामजद आरोपी को धर दबोचा, बताया जा रहा है कि आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद से ही फरार था।

उक्त मामले में कुसमुण्डा थाना प्रभारी लीलाधर राठौर ने बताया कि “गोलू उर्फ चायना नामक युवक जो कि कुसमुण्डा थाना अंतर्गत रिसदी निवासी है, के द्वारा उपरोक्त घटना को अंजाम दिया गया था, शिकायत मिलते ही पुलिस टीम के द्वारा पूरे मामले की जांच कर पतासाजी की जा रही थी, इसी दौरान एक आरोपी को पकड़ लिया गया है, बाकी अन्य की पतासाजी अभी की जा रही है। “

सुरक्षा पर करोड़ों खर्च – परिणाम शून्य

आपको यँहा बताना लाजमी होगा कि करोड़ो रूपये खर्च कर खदान की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी खदान की सुरक्षा तो दूर स्वयं की सुरक्षा भी नही कर पा रहें हैं छोटी छोटी चोरियों की अनदेखी ही बड़ी घटनाओं की वजह बन रही है। कुसमुण्डा खदान में साधन व संसाधनों की सुरक्षा के नाम पर कई बल तैनात है, बावजूद इसके ये हर प्रकार की चोरी व घटनाओं को रोकने में नाकाम है। वहीं उंगलियों की गिनती की संख्या में स्थानीय पुलिस बल हैं जिन पर पूरे थाना क्षेत्र की जिम्मेदारी है। SECL कुसमुण्डा खदान एक सीमित क्षेत्रफल में फैला हुआ खदान है जंहा पर औद्योगिक सुरक्षाबलों के साथ विभागीय सुरक्षाबल, होमगार्ड इत्यादि क काफी संख्या में तैनाती है फिर भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में ये सभी लगातार नाकाम हो रहें है।

किसकी जिम्मेदारी….?

थाना क्षेत्र में घटने वाली हर घटनाओं की जिम्मेदारी व जवाबदेही भले ही पुलिस प्रसाशन की है पर क्या खदान क्षेत्र जंहा हजारो की संख्या में काम कर रहे अधिकारी कर्मचारी और सेकड़ो की संख्या में तैनात अलग अलग विभाग के सुरक्षाकर्मी, क्या इनकी कोई जिम्मेदारी नही….? अगर है तो फिर कैसे संसाधनों की चोरियां हो रही हैं..? किस बात के लिए इन्हें कोल इंडिया से मोटी तनख्वा दी जाती है, आवास बिजली पानी सुविधा किस लिए ….? कुसमुण्डा प्रबन्धन के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी

को ये समझना होगा कि वे जंहा पर कार्य करते हैंहमारे पास ऐसे कई प्रमाण है जंहा मुट्ठी भर चोर खदान परिसर में खुलेआम सामनो को उठा कर ले जाते हैं, जिसे हम चोरी कहते हैं, और सेकड़ो की संख्या में कर्मचारी-अधिकारी आंख मूंद कर उन्हें चोरी करने देते हैं, नतीजन चोरो के हौसले ऐसे ही बुलंद हो रहे हैं, अगर आज प्रबन्धन के अधिकारी कर्मचारी जागरूक नही हुए और ऐसे चोरो को खदान में घुसने देते रहे तो आगे भी ऐसी घटनाये देखने व सुनने को मिलती रहेगी।

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