कोरबा। पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के काम काज के संचालन में उनके सगे संबंधी (पिता /पति/ पुत्र )के हस्तक्षेप एवं बैठकों में प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने संबंधी सीईओ जिला पंचायत के आदेश का जिले में कड़ाई से पालन सुनिश्चित होने लगा है। जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा में बुधवार को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती रामप्यारी जाखड़ के पति प्रकाश जाखड़ की मौजूदगी को लेकर सदस्यों ने नाराजगी जताई। घण्टों हंगामें के बाद आखिरकार जनपद उपाध्यक्ष के पति को बैठक कक्ष से बाहर जाना पड़ा इसके उपरांत ही बैठक की कार्यवाई शुरू हुई। पूरे बैठक में वन विभाग के एसडीओ केंदई व पसान रेंज के रेंजर की अनुपस्थिति पर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर करते हुए आगामी बैठक में सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं करने पर सामान्य सभा के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया।
यहाँ बताना होगा कि प्रदेश के ग्रामीण पंचायतों में महिला पंचायत पदाधिकारियों की भागीदारी हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायतों के काम-काज यथा नियोजन ,क्रियान्वयन ,पर्यवेक्षण ,नियंत्रण आदि में स्वयं निर्णय लेने के संबंध में सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार पंचायतीराज मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा यह लेख किया गया है कि पंचायत के कामकाज के संचालन के दौरान पंचायत कार्यालय परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को उनके कोई भी सगे संबंधी /,रिश्तेदार पंचायत के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप /दखलअंदाजी नहीं करेंगे। किसी विषय पर किसी भी पदाधिकारी /कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव/निर्देश नहीं देंगे। सीईओ जिला पंचायत कुंदन कुमार ने उक्त निर्देश का उल्लेख करते हुए समस्त जनपद सीईओ ,सरपंच सचिवों को 1 जुलाई 2021 को आदेश जारी कर आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के साथ ही साथ ग्राम पंचायतों को उक्त निर्देशों से अवगत कराने की बात कही थी। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारियों के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाई की चेतावनी दी गई थी ।उक्त आदेश का भले जिला पंचायत में अभी कड़ाई से पालन सुनिश्चित नहीं हो सका हो लेकिन जनपद पंचायतों में इसका असर देखने को मिल रहा है । बुधवार को जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा में सामान्य सभा की बैठक में उक्त आदेश का इस तरह कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया गया कि जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती रामप्यारी जाखड़ के पति प्रकाश जाखड़ को बैठक से वापस निकलना पड़ा। खास बात यह रही कि आपत्ति जनपद सीईओ ने नहीं बल्कि स्वयं जनपद सदस्यों ने की। घण्टों इसको लेकर हंगामे की स्थिति निर्मित रही। हालांकि अंततः शासन के नियमों के आगे उपाध्यक्ष पति ने बैठक से बाहर निकलना ही उचित समझा। तब जाकर सामान्य सभा की कार्यवाही शुरू हो सकी। वहीं उपाध्यक्ष पति श्री जाखड़ की मानें तो वे कम पढ़े लिखे होने की वजह से केवल कागजी प्रक्रियाओं में उनका मार्गदर्शन करने पहुँचे थे। कार्यों अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप की कोई बात ही नहीं है। बहरहाल पोंडी उपरोड़ा के बाद जिले के अन्य जनपद पंचयतों में उक्त आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने पर निगाहें टिकी हुई हैं। खासकर करतला व कोरबा जनपद पंचायत में महिला जनप्रतिनिधियों के पुरुष सगे संबंधियों का हस्तक्षेप सबसे ज्यादा है ।
बैठक में वन विभाग के अधिकारियों पर बिफरे ,बोले आगामी बैठक में नदारद रहे तो करेंगे बहिष्कार
बैठक में वन विभाग सदस्यों के निशाने पर रहा। हाथियों से होने वाले जनधन के नुकसान सहित वन विभाग के द्वारा कराए जाने वाले कार्यों की जानकारी नहीं देने से नाराज सदस्यों ने वन विभाग को एजेंडे में प्रमुख तौर परशामिल किया था। बैठक में एसडीओ या एतमानगर , केंदई व पसान रेंज के रेंजर को जानकारियों के साथ उपस्थित होना था। लेकिन एतमानगर रेंजर को छोड़कर कोई भी बैठक में शामिल नहीं हुए। जिसको लेकर जनपद अध्यक्ष संतोषी पेन्द्रो ,जनपद सदस्य भोला गोस्वामी सहित अन्य ने कड़ी नाराजगी जाहिर की । सदस्यों ने कहा कि वन विभाग के अफसरों की ऐसी मनमानी नहीं चलेगी। सदन में सीईओ ओ पी शर्मा की मौजूदगी में आगामी बैठक में सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं करने पर सामान्य सभा के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया। बैठक में क्रेडा, उद्यानिकी ,कृषि ,खाद्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की भी समीक्षा की गई।
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