“शराब का परित्याग और शिक्षा पर अधिक ध्यान देने से ही समाज और देश की उन्नति संभव” – ननकीराम कंवर

लखन गोस्वामी

कोरबा, करतला 11 अगस्त (वेदांत समाचार) “जब तक समाज में शराब पीने का प्रचलन रहेगा और शिक्षा के प्रति अरुचि दिखाएंगे तब तक निश्चित तौर पर समाज और देश उन्नति नहीं कर सकेगा। आज विश्व आदिवासी दिवस के परिपेक्ष में मै कहना चाहता हूं कि हम सभी साथियों को एक साथ मिलकर शिक्षा को प्रत्येक गांव और घर घर तक पहुंचाना होगा। शिक्षा ही एक ऐसा प्रमुख माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने सर्वांगीण विकास कर सकते हैं। सभी साथियों को मैं आह्वान करते हुए यही कहूंगा कि आइए हम सभी पूर्ण रूप से शराब को अपने जीवन से अलग करें और शिक्षा को जीवन में शामिल करें। समन्वयकारी दृष्टिकोण अपनाकर समाज और देश के हित में आगे आए और विश्व आदिवासी दिवस को सफल बनाएं।” उक्त उद्गार करतला में सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के आसंदी से रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे श्री ननकीराम कंवर ने व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित जे.बी.डी. आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज कटघोरा के विद्वान प्राचार्य डॉ.प्यारेलाल आदिले ने अपने उद्बोधन में विश्व आदिवासी दिवस के इतिहास व प्रासंगिकता पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “दुनिया के किसी भी देश में जो वहां के मूल निवासी निवास करते हैं उनकी सामाजिक, आर्थिक उन्नति के लिए प्रत्येक सरकार को प्रतिबद्धता के साथ कार्य करनी चाहिए और मूल निवासियों के संस्कृति, भाषा और अस्तित्व की रक्षा के लिए शिक्षा को आधार मानकर आदिवासी और सभी मूल निवासियों को उच्च शिक्षित किया जाना चाहिए।” डा.आदिले ने आगे कहा-‘जब तक हम सभी एक साथ मिलकर शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ने की बात नहीं सोचेंगे, तब तक हमारा समाज विकास से वंचित ही रहेगा। हम सभी को संविधान की जानकारी रखते हुए अपने समाज की उन्नति हेतु सभी शासकीय योजनाओं का लाभ लेना चाहिए।’अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री दुर्गा प्रसाद राठिया ने कहा कि “आज हमको विशेष तौर पर शिक्षा के माध्यम से ही आगे बढ़ना चाहिए तथा व्यवसाय को भी हमें अपनाना चाहिए तब कहीं हम विकसित हो सकते हैं।” कंवर समाज के प्रमुख श्यामलाल कंवर ने कहा कि “आज डॉ.अंबेडकर की विचारधारा को अपनाकर ही समाज को उन्नति की ओर अग्रसर किया जा सकता है इसलिए हम सभी को संविधान का जानकारी लेते रहना चाहिए और तब कहीं जाकर ‘जल,जंगल और जमीन’ का मालिकाना हक हमको प्राप्त हो सकेगा।इस अवसर पर श्रीमती रेणुका राठिया, श्री गजेंद्र वैष्णव, एन.जी.ओ.के त्रिलोकी चौहान ने अपना विचार व्यक्त किया।


इस कार्यक्रम में विशेष रुप से छत्तर सिंह राठिया, रामेश्वर सिंह राठिया,ललित सिंह राठिया सरपंच करतला,श्यामलाल राठिया, टिकेश्वर सिन्ह, चंदन सिंह,धीरेंद्र सिंह,शिक्षक कामता प्रसाद पैकरा, चंदन सिंह, देवेंद्र राठिया,कदम सिंह राठिया, संतोषी राठिया, त्रिवेनी राठिया, भावना राठिया आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन व्याख्याता द्वय मानसिंह राठिया एवं दुबराज राठिया ने किया। आभार ज्ञापन राजेंद्र राठिया ने किया।कार्यक्रम समापन के उपरांत पूरे करतला के हर गली मोहल्लों में आदिवासी समाज के द्वारा रैली किया गया जिसमें “एक तीर एक कमान- हम मूलनिवासी एक समान” का नारा गुंजित हुआ।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]