नई दिल्ली। ओलंपिक चैंपियन बने नीरज चोपड़ा ने सोमवार को खुलासा किया कि टोक्यो खेलों में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें दर्द हो रहा था लेकिन उन्होंने जो गोल्ड मेडल जीता, उसके लिए यह दर्द सहन करने वाला था। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा खेलों में सात पदक विजेता प्रदर्शनों का सम्मान करने के लिए आयोजित एक सम्मान समारोह में, भाला फेंकने वाले नीरज ने कहा कि उन्हें पता था कि उन्होंने 87.58 मीटर के दूसरे प्रयास के साथ कुछ खास किया है। यह वही थ्रो था जिसने उन्हें स्वर्ण दिलाया।
अगले दिन शरीर कर रहा था दर्द
चोपड़ा ने इस साल की शुरुआत में हासिल 88.07 मीटर का जिक्र करते हुए कहा, “मुझे पता था कि मैंने कुछ खास किया है, वास्तव में मुझे लगा कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ हासिल कर लिया है। थ्रो वास्तव में अच्छा रहा।” एथलीट ने आगे बताया, “अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि काफी दर्द हो रहा है मगर इस गोल्ड मेडल के साथ दर्द झेलने लायक था। यह पदक पूरे देश के लिए है।”
सामने कौन है, इससे कभी न डरें
23 वर्षीय सेना के जवान ने कहा कि अभी उनके पास देश के खिलाड़ियों के लिए एकमात्र संदेश है कि कभी भी डरे नहीं। उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि विपक्ष चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दें। आपको बस इतना करना है और यही स्वर्ण पदक है। विरोधी से कभी न डरें।” चोपड़ा 13 साल में न केवल भारत के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने, बल्कि यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले ट्रैक और फील्ड एथलीट भी बने।
क्यों कटवाए लंबे बाल
नीरज ने ओलंपिक गेम्स से पहले अपने लंबे बालों को काट दिया था और जब इसके बारे में हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा गया, तो युवा एथलीट ने कहा, “मुझे लंबे बाल पसंद हैं लेकिन मुझे गर्मी से जलन हो रही थी, लंबे बालों से बहुत पसीना आता है। इसलिए मैंने बाल कटवाए।” बता दें नीरज इस ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं। उनके अलावा भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल जीते। जबकि मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, शटलर पीवी सिंधु, पुरुष हॉकी टीम और पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीते।
[metaslider id="347522"]