सफलता की कहानी : सार्वभौम पीडीएस सिस्टम से अमृताबाई को मिली राशन की चिंता से मुक्ति

0 जिले के 4 लाख 72 हजार 110 परिवारों को छत्तीसगढ़ खाद्य पोषण सुरक्षा अधिनियम का मिल रहा लाभ।

जांजगीर-चांपा, 06 अगस्त (वेदांत समाचार) हर परिवार की प्राथमिक और महत्वपूर्ण जरूरत भोजन की होती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने आवश्यकतामंदों की इस जरूरत को प्राथमिकता देते हुए राज्य के सभी परिवारों को पात्रता अनुसार सार्वभौम पीडीएस सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई है। जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम खोखसा निवासी 60 वर्षीय श्रीमती अमृता बाई को राशन की चिंता से मुक्ति मिल गई है। उनके परिवार में बहू, बेटा व बच्चों सहित कुंल 5 सदस्य है। राज्य सरकार ने राशन कार्ड में मुखिया के रूप में महिलाओं का नाम दर्ज कर सम्मान बढ़ाया है। महिने में 1 रूपये किलो के दर से 35 किलो चावल मिल जाने से परिवार के लिए राशन की व्यवस्था हो जाती है। उन्होंने बताया कि बेटा वाहन चालक का काम करता है। एक एकड़ जमीन व खेती मजदूरी से अन्य जरूरतों की पूर्ति हो जाती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की सार्वभौम पीडीएस योजना की प्रशंसा करते हुए गरीब परिवारों के लिए मददगार बताया है।

 

सार्वभौम पीडीएस सिस्टम से जांजगीर-चांपा जिले के 4 लाख 14 हजार 884 गरीब परिवारों को न्यूनतम दर पर चावल व शक्कर मिल रही है। कोरोना-संकट के दौरान भी राज्य सरकार ने पीडीएस के माध्यम से गरीब एवं जरूरत मंद परिवारों के लिए निःशुल्क चांवल की व्यवस्था कर उन्हें राहत पहुंचाई है।
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2019 से राज्य में सार्वभौम पीडीएस का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले के कुल 4 लाख 72 हजार 110 परिवारों को छत्तीसगढ़ खाद्य पोषण सुरक्षा अधिनियम का लाभ मिल रहा है। जिले में खाद्यान आपूर्ति के लिए कुल 693 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले में अन्त्योदय कार्डधारी 83,755, निराश्रित 4,167, अन्नपूर्णा 259, प्राथमिकता कार्ड 3 लाख 26 हजार 703, निःशक्तजन कार्ड 1,074 और एपीएल कार्डधारी 56 हजार 152 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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