अफसरों को निर्देश, ‘नेता जी की सुनिए’; कांग्रेस जिलाध्यक्षों ने 10 दिन पहले कहा था कि अफसर उनकी नहीं सुनते

रायपुर। 25 जुलाई को कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में जिलाध्यक्षों ने शिकायत की थी कि जिले के कलेक्टर-एसपी उनकी बात नहीं सुनते। जिलाध्यक्षों की शिकायत पर एक्शन शुरू हो गया है। सरकार ने अफसरों को निर्देश जारी करके सांसदों-विधायकों और जनप्रतिनिधियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखने को कहा है।

सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव संजय अग्रवाल ने सभी सचिवों, विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है। इसमें उन्हें निर्देशित किया गया है कि संसद सदस्यों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें। इसके लिए सरकार की ओर से निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करें। सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से मिले पत्रों की अभिस्वीकृति उन्हें तत्काल भेजी जाए। उनके द्वारा उठाए गए लोक महत्व के मामलों पर नियमानुसार त्वरित गति से कार्रवाई हो। कार्रवाई की सूचना भी जनप्रतिनिधियों को देने का निर्देश दिया गया है। निर्देशों की कॉपी सभी सांसदों-विधायकों और मंत्रियों को भेजी गई है।

सांसदों-विधायकों की शिकायत को आधार बताया
संयुक्त सचिव ने इस निर्देश का आधार सांसदों-विधायकों की शिकायत को बनाया है। कहा गया है कि कुछ स्थानों से सांसदों-विधायकों के शिकायती पत्र मिल रहे हैं। इसमें कहा जा रहा है कि अफसर, जनप्रतिनिधियों के साथ निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों के मुताबिक रायगढ़ सांसद गोमती साय ने जनवरी 2021 में स्थानीय अफसरों की शिकायत भेजी थी। उसको ही इस नए निर्देश का आधार बनाया गया है।

दो साल से ऐसे निर्देश जारी नहीं हुए
अफसरों ने बताया, सांसदों-विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पत्रों का जवाब देने, उनके ऑफिस आने पर सम्मानपूर्वक उनकी बात सुनने और उनकी मांग पर नियमानुसार कार्यवाही करने का प्रोटोकॉल तय है। समय-समय पर इसके लिए अलग से निर्देश भी जारी होते रहते हैं। लेकिन दो साल से ऐसा कोई निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं पड़ी थी।

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