कोवैक्सीन को हंगरी से मिला जीएमपी सर्टिफिकेट

हैदराबाद । भारत बायोटेक की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल कोवाक्सिन को हंगरी से गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस अनुपालन(GMP) का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक द्वारा प्राप्त पहला EUDRAGDMP अनुपालन प्रमाणपत्र है। यह प्रमाणपत्र कोवाक्सिन को उसके उत्पादन गुणवत्ता के लिए मिला है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड न्यूट्रिशन, हंगरी ने इसे जारी किया है।


कंपनी ने एक ट्वीट में कहा कि हमने एक और मुकाम हासिल किया है, कोवाक्सिन को हंगरी में जीएमपी प्रमाणपत्र दिया गया। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक को मिला पहला यूड्राजीडीएमपी अनुपालन प्रमाणपत्र है। 


भारत बायोटेक ने कहा कि जीएमपी प्रमाण पत्र अब यूड्राजीएमडीपी डेटाबेस में सूचीबद्ध है जो विनिर्माण प्राधिकरणों के यूरोपीय समुदाय के रिकॉर्ड और अच्छे उत्पादन के प्रमाण पत्र का संग्रह है।


0 `कोवाक्सिन` डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी अधिक प्रभावी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन `कोवाक्सिन` डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी अधिक प्रभावी है। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन `कोवाक्सिन` को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित किया गया है।

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